Bns 2023 धारा ३२ : वह कार्य जिसे करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३२ : वह कार्य जिसे करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है : हत्या और राज्य के विरुद्ध अपराधों को मृत्यू से दण्डनीय है, उन्हे छोडकर कोई बात या कार्य अपराध नहीं है, जो ऐसे व्यक्ति…

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Bns 2023 धारा ३१ : सद्भावपूर्वक दी गई संसुचना (दो या अधिक व्यक्तियों या स्थानों को सूचना देने के साधन) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३१ : सद्भावपूर्वक दी गई संसुचना (दो या अधिक व्यक्तियों या स्थानों को सूचना देने के साधन) : सद्भावपूर्वक दी गई संसुचना उस अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो उस व्यक्ति को हो जिसे वह दी गई है, यदि…

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Bns 2023 धारा ३० : किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति के बिना सद्भावपूर्वक किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३० : किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति के बिना सद्भावपूर्वक किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक उसकी सम्मति के बिना की गई है, ऐसी किसी अपहानि के कारण,…

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Bns 2023 धारा २९ : ऐसे कार्यो का अपवर्जन (बहिष्करण) जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: (खुद) अपराध है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २९ : ऐसे कार्यो का अपवर्जन (बहिष्करण) जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: (खुद) अपराध है : धारा २५, २६ और २७ के अपवादों का विस्तार उन कार्यो पर नहीं है जो उस अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध…

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Bns 2023 धारा २८ : सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २८ : सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है : कोई सम्मति ऐसी सम्मति नहीं है जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है,- (a) क) यदि वह सम्मति…

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Bns 2023 धारा २७ : संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से बालक या विकृत चित्त वाले व्यक्ती के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २७ : संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से बालक या विकृत चित्त वाले व्यक्ती के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो बारह वर्ष से कम आयु के या विकृतचित्त वाले व्यक्ति के फायदे…

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Bns 2023 धारा २६ : किसी व्यक्ती के फायदे के लिए उसके सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यू कारित करने का आशय नहीं है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २६ : किसी व्यक्ती के फायदे के लिए उसके सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यू कारित करने का आशय नहीं है : कोई बात या कार्य, जो किसी ऐसी अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो मृत्यू कारित…

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Bns 2023 धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो मृत्यू या घोर उपहति…

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Bns 2023 धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है : जहां कि कोई किया गया कोइ कार्य अपराध नहीं होता जब तक कि वह किसी…

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Bns 2023 धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय मत्तता के कारण…

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Bns 2023 धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय, चित्त-विकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण…

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Bns 2023 धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य : जब कोई बात, जो सात वष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती…

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Bns 2023 धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य : जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की गई कोइ बात या कोई कार्य अपराध नहीं है ।

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Bns 2023 धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है : जो कोई बात, केवल इस कारण यह जानते हुए की…

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Bns 2023 धारा १८ : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना (अपघात) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १८ : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना (अपघात) : जो कोई बात, दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के सिवाय विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित सावधानी और सतर्कता के साथ विधिपूर्ण कार्य करने…

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Bns 2023 धारा १७ : विधि द्वारा न्यायानुमत (समर्थित) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १७ : विधि द्वारा न्यायानुमत (समर्थित) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : जो कोई बात, ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए , जो उसे…

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Bns 2023 धारा १६ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १६ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य : जो कोई बात, न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिदिष्ट हो, यदि वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत्त रहते…

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Bns 2023 धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य : जो कोई बात, न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ती के प्रयोग में की जाती है, जो या जिसके बारे में उसे सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे…

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Bns 2023 धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ अध्याय ३ : साधारण अपवाद : धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : कोई बात,…

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Bns 2023 धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड : जो कोई व्यक्ती भारत में के किसी न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधाय १० या अध्याय १७ के अधीन तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि…

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