Bns 2023 धारा ५२ : दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दुष्प्रेरक कब दण्डनीय है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५२ : दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दुष्प्रेरक कब दण्डनीय है : धारा : ५२ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : दुष्प्रेरक कब दुष्प्ररित कार्य के लिए और किए गए कार्य के…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५२ : दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दुष्प्रेरक कब दण्डनीय है :

Bns 2023 धारा ५१ : जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है तब दुष्प्रेरक का दायित्व :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५१ : जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है तब दुष्प्रेरक का दायित्व : धारा : ५१ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, जब एक कार्य का दुष्प्रेरण…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५१ : जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है तब दुष्प्रेरक का दायित्व :

Bns 2023 धारा ५० : यदि दुष्प्रेरित व्यक्ती दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है, तब दुष्प्रेरण का दंड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५० : यदि दुष्प्रेरित व्यक्ती दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है, तब दुष्प्रेरण का दंड : धारा : ५० अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५० : यदि दुष्प्रेरित व्यक्ती दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है, तब दुष्प्रेरण का दंड :

Bns 2023 धारा ४९ : यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरुप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तब दुष्प्रेरण का दण्ड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४९ : यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरुप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तब दुष्प्रेरण का दण्ड : धारा : ४९ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४९ : यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरुप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तब दुष्प्रेरण का दण्ड :

Bns 2023 धारा ४८ : भारत में अपराधों का भारत से बाहर दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४८ : भारत में अपराधों का भारत से बाहर दुष्प्रेरण : वह व्यक्ती इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराथ का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत में किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत से बाहर उससे परे दुष्प्रेरण…

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Bns 2023 धारा ४७ : भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४७ : भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण : वह व्यक्ती इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराथ का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत…

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Bns 2023 धारा ४६ : दुष्प्रेरक (वह जो अपराध का कारित करना दुष्प्रेरित करे) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४६ : दुष्प्रेरक (वह जो अपराध का कारित करना दुष्प्रेरित करे) : वह व्यक्ति अपराध का दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है या ऐसे कार्य के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध…

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Bns 2023 धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ अध्याय ४ : दुष्प्रेरण, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयास के विषय में : दुष्प्रेरण के विषय में : धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) : वह व्यक्ती किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण (उकसाना) करता है, जो - (a)…

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Bns 2023 धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है : जिस हमले से मृत्यु की आशंका युक्तियुक्त (सर्व मान्य) रुप से कारित होती है उसके विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है :

Bns 2023 धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना : संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार,- (a) क) तब प्रारंभ होता है, जब संपत्ति के संकट की युक्तियुक्त (सर्व मान्य) आशंका प्रारंभ होती है…

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Bns 2023 धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदी वह अपराध, जिसके किए जाने या जिसके किए जाने के प्रयत्न से निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग का…

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Bns 2023 धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है : संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, धारा ३७ में वर्णित निर्बंधनों के अध्यधीन दोषकर्ता की मृत्यू या अन्य…

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Bns 2023 धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार उसी क्षण प्रारंभ (शुरु) हो जाता है, जब अपराध करने के प्रयत्न या धमकीं से शरीर के संकट…

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Bns 2023 धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदि अपराध पूर्वगामी (इससे पहले) अंतिम धारा ३८ में प्रगणित भांतियों में से किसी भांति का…

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Bns 2023 धारा ३८ : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यू कारित करने तक कब होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३८ : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यू कारित करने तक कब होता है : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, पूर्ववर्ती अंतिम धारा ३७ में वर्णित निर्बंधनों के अधीन रहते हुए, हमलावर…

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Bns 2023 धारा ३७ : कोई कार्य, जिनके विरुध्द निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३७ : कोई कार्य, जिनके विरुध्द निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है : १) उस कार्य के विरुद्ध, (a) क) यदि कोई कार्य या बात, जिससे मृत्यू या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रुप से कारित नहीं होती;…

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Bns 2023 धारा ३६ : ऐसे व्यक्ती के कार्य के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार, जो विकृत चित, आदि हो :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३६ : ऐसे व्यक्ती के कार्य के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार, जो विकृत चित, आदि हो : जबकि कोई कार्य या बात, जो अन्यथा कोई अपराध होता है, उस कार्य या बात को करने वाले व्यक्ती के बालकपन,…

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Bns 2023 धारा ३५ : शरीर तथा संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३५ : शरीर तथा संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार : इस अधिनियम कें धारा ३७ में अन्तर्विष्ट निर्बंधनों के अध्ययीन, हर व्यक्ती को अधिकार है कि वह - (a) क) मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले किसी अपराध…

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Bns 2023 धारा ३४ : निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा में की गई बाते या कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के विषय में : धारा ३४ : निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा में की गई बाते या कार्य : जो निजी(प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग में की जाती है, वह बात या कार्य अपराध नहीं है ।

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Bns 2023 धारा ३३ : किसी बात या कार्य से तुच्छ या अल्प अपहानि कारित हो :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३३ : किसी बात या कार्य से तुच्छ या अल्प अपहानि कारित हो : कोई बात या कार्य इस कारण से अपराध नहीं है कि उससे कोई अपहानि कारित होती है या कारित की जानी आशयित है या कारित होने…

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