Bns 2023 धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो मृत्यू या घोर उपहति…

Continue ReadingBns 2023 धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य :

Bns 2023 धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है : जहां कि कोई किया गया कोइ कार्य अपराध नहीं होता जब तक कि वह किसी…

Continue ReadingBns 2023 धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है :

Bns 2023 धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय मत्तता के कारण…

Continue ReadingBns 2023 धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य :

Bns 2023 धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय, चित्त-विकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण…

Continue ReadingBns 2023 धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य :

Bns 2023 धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य : जब कोई बात, जो सात वष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती…

Continue ReadingBns 2023 धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य :

Bns 2023 धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य : जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की गई कोइ बात या कोई कार्य अपराध नहीं है ।

Continue ReadingBns 2023 धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य :

Bns 2023 धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है : जो कोई बात, केवल इस कारण यह जानते हुए की…

Continue ReadingBns 2023 धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है :

Bns 2023 धारा १८ : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना (अपघात) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १८ : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना (अपघात) : जो कोई बात, दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के सिवाय विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित सावधानी और सतर्कता के साथ विधिपूर्ण कार्य करने…

Continue ReadingBns 2023 धारा १८ : विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना (अपघात) :

Bns 2023 धारा १७ : विधि द्वारा न्यायानुमत (समर्थित) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १७ : विधि द्वारा न्यायानुमत (समर्थित) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : जो कोई बात, ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए , जो उसे…

Continue ReadingBns 2023 धारा १७ : विधि द्वारा न्यायानुमत (समर्थित) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

Bns 2023 धारा १६ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १६ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य : जो कोई बात, न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिदिष्ट हो, यदि वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत्त रहते…

Continue ReadingBns 2023 धारा १६ : न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य :

Bns 2023 धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य : जो कोई बात, न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ती के प्रयोग में की जाती है, जो या जिसके बारे में उसे सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे…

Continue ReadingBns 2023 धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य :

Bns 2023 धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ अध्याय ३ : साधारण अपवाद : धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : कोई बात,…

Continue ReadingBns 2023 धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

Bns 2023 धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड : जो कोई व्यक्ती भारत में के किसी न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधाय १० या अध्याय १७ के अधीन तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि…

Continue ReadingBns 2023 धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड :

Bns 2023 धारा १२ : एकान्त परिरोध की अवधि :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १२ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) की अवधि : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) के दण्डादेश के निष्पादन (अंमल) में ऐसा परिरोध किसी भी दशा में एक बार में चौदह दिन से अधिक न होगा, साथ ही ऐसे एकान्त परिरोध की कालावधियों के…

Continue ReadingBns 2023 धारा १२ : एकान्त परिरोध की अवधि :

Bns 2023 धारा ११ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ११ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) : कोई व्यक्ती ऐसे जब कभी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने की शक्ती है, तो न्यायालय अपने…

Continue ReadingBns 2023 धारा ११ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) :

Bns धारा १० : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १० : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है : जिनमें यह निर्णय दिया जाता है कि…

Continue ReadingBns धारा १० : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है :

Bns २०२३ धारा ९ : कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ९ : कई (एक से अधिक) अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि : १) जहा कोई बात (कुछ भी) जो अपराध है, जिनमें का कोई भाग स्वयं अपराध है, ऐसे भागों से मिलकर बनी है, वहा…

Continue ReadingBns २०२३ धारा ९ : कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८ : जुर्माने की रकम, जर्माना आदि के भुगतान में व्यतिक्रम करने पर, दायित्व :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८ : जुर्माने की रकम, जर्माना आदि के भुगतान में व्यतिक्रम करने पर, दायित्व : १) जहां जितना जुर्माना हो सकता है, वह राशि अभिव्यक्त (व्यक्त) नहीं की गई हेै, वहां अपराधी जिस रकम के जुर्माने का दायी है, वह…

Continue Readingभारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८ : जुर्माने की रकम, जर्माना आदि के भुगतान में व्यतिक्रम करने पर, दायित्व :

Bns 2023 धारा ७ : दण्डादिष्ट कारावास के (कतिपय (कुछ) मामलों में संपूर्ण कारावास) या उसका कोई भाग कठिन (सश्रम) या सादा हो सकेगा :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ७ : दण्डादिष्ट कारावास के (कतिपय (कुछ) मामलों में संपूर्ण कारावास) या उसका कोई भाग कठिन (सश्रम) या सादा हो सकेगा : जिसमें अपराधी दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय है, ऐसे हर मामले में वह न्यायालय,…

Continue ReadingBns 2023 धारा ७ : दण्डादिष्ट कारावास के (कतिपय (कुछ) मामलों में संपूर्ण कारावास) या उसका कोई भाग कठिन (सश्रम) या सादा हो सकेगा :

Bns 2023 धारा ६ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ६ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) : जब तक अन्यथा उपबन्धित न हो दण्डावधियों की भिन्नों (भागों) की गणना करने में, आजीवन कारावास को बीस वर्ष के कारावास के तुल्य गिना जाएगा ।

Continue ReadingBns 2023 धारा ६ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) :