Ipc धारा ७४ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) की अवधि :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ७४ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) की अवधि : (See section 12 of BNS 2023) एकान्त परिरोध(कारावास/कैद) के दण्डादेश के निष्पादन(अंमल) में ऐसा परिरोध किसी भी दशा में एक बार में चौदह दिन से अधिक न होगा, साथ ही ऐसे एकान्त…

Continue ReadingIpc धारा ७४ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) की अवधि :

Ipc धारा ७३ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ७३ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) : (See section 11 of BNS 2023) कोई व्यक्ती ऐसे जब कभी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने…

Continue ReadingIpc धारा ७३ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) :

Ipc धारा ७२ : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ७२ : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है : (See section 10 of BNS 2023) जिनमें…

Continue ReadingIpc धारा ७२ : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है :

Ipc धारा ७१ : कई (एक से अधिक) अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ७१ : कई (एक से अधिक) अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि : (See section 9 of BNS 2023) जहा कोई बात (कुछ भी) जो अपराध है, जिनमें का कोई भाग स्वयं अपराध है, ऐसे भागों…

Continue ReadingIpc धारा ७१ : कई (एक से अधिक) अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि :

Ipc धारा ६३ : जुर्माने (द्रव्यदंड) की रकम :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ६३ : जुर्माने (द्रव्यदंड) की रकम : (See section 8 of BNS 2023) जहां जितना जुर्माना हो सकता है, वह राशि अभिव्यक्त(व्यक्त) नहीं की गई हेै वहां अपराधी जिस रकम के जुर्माने का दायी है, वह अमर्यादित है किन्तु अत्यधिक…

Continue ReadingIpc धारा ६३ : जुर्माने (द्रव्यदंड) की रकम :

Ipc धारा ६० : दण्डादिष्ट कारावास के कुछ(कतिपय) मामलों में संपूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन(सश्रम) या सादा हो सकेगा :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ६० : दण्डादिष्ट कारावास के कुछ(कतिपय) मामलों में संपूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन(सश्रम) या सादा हो सकेगा : (See section 7 of BNS 2023) जिसमें अपराधी दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय है, ऐसे हर…

Continue ReadingIpc धारा ६० : दण्डादिष्ट कारावास के कुछ(कतिपय) मामलों में संपूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन(सश्रम) या सादा हो सकेगा :

Ipc धारा ५७ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५७ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) : (See section 6 of BNS 2023) दण्डावधियों की भिन्नों (भागों) की गणना करने मं, आजीवन १.(कारावास) को बीस वर्ष के १.(कारावास) के तुल्य गिना जाएगा ।…

Continue ReadingIpc धारा ५७ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) :

Ipc धारा ५४ : मृत्यू दण्डादेश का लघुकरण (सौम्य) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५४ : मृत्यू दण्डादेश का लघुकरण (सौम्य) : (See section 5 of BNS 2023) जिसमें मृत्यू का दण्डादेश दिया गया हो, ऐसे हर मामले में, उस दण्ड को अपराधी की सम्मति के बिनाभी १.(समुचित सरकार / शासन) इस संहिता द्वारा…

Continue ReadingIpc धारा ५४ : मृत्यू दण्डादेश का लघुकरण (सौम्य) :

Ipc धारा ५३क : १.(निर्वासन (कालापानी /आजीवन कारावास) के प्रति निर्देश का अर्थ लगाना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५३क : १.(निर्वासन (कालापानी /आजीवन कारावास) के प्रति निर्देश का अर्थ लगाना : १)उपधारा (२) और (३) के उपबंधोके अध्यधीन किसी अन्य तत्समय(उसी समय) प्रवृत्ति(अंमल में) विधि में या किसी ऐसी विधि या किसी नियसित अधिनियमोंके आधार पर प्रभावशील किसी…

Continue ReadingIpc धारा ५३क : १.(निर्वासन (कालापानी /आजीवन कारावास) के प्रति निर्देश का अर्थ लगाना :

Ipc धारा ५३ : दण्ड (सजा / शिक्षा) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय ३ : दण्डों के विषय में : धारा ५३ : दण्ड (सजा / शिक्षा) : (See section 4 of BNS 2023) अपराधी इस संहिता के उपबंधों के अधीन जिन दण्डों (सजा) से दण्डनीय हे वे इसप्रकार हैं- पहला : मुत्यु;…

Continue ReadingIpc धारा ५३ : दण्ड (सजा / शिक्षा) :

Ipc धारा ७ : एक बार समझाया अभिव्यक्ती या पद का भाव :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ७ : एक बार समझाया अभिव्यक्ती या पद का भाव : इस संहिता के किसी भी भाग में (धारा में) समझाया गया हर पद या अभिव्यक्ती का स्पष्टीकरण इस संहिता के अनुरुप ही प्रयोग किया गया है। धारा ८: लिंग…

Continue ReadingIpc धारा ७ : एक बार समझाया अभिव्यक्ती या पद का भाव :

Ipc धारा ६ : संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय २ : साधारण स्पष्टीकरण : धारा ६ : संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना : (See section 3 of BNS 2023) इस संहिता में सर्वत्र, अपराध की हर परिभाषा, हर दण्ड उपबंध और हर ऐसी परीभाषा…

Continue ReadingIpc धारा ६ : संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना :

Ipc धारा ५ : कुछ विधियों पर यह अधिनियम प्रभाव नहीं करता है :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५ : १.(कुछ विधियों पर यह अधिनियम प्रभाव नहीं करता है : (See section 1(6) of BNS 2023) इस संहिता के अधिनियम में भारत सरकार के सेवा के अफसरों,सैनिको, नौसैनिकों या वायुसैनिकों द्वारा विद्रोह और अभित्यजन (कर्तव्य छोडकर भागना) को…

Continue ReadingIpc धारा ५ : कुछ विधियों पर यह अधिनियम प्रभाव नहीं करता है :

Ipc धारा ४ : १.(अतिरिक्त प्रादेशिक अपराधों पर संहिता का विस्तार :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४ : १.(अतिरिक्त प्रादेशिक अपराधों पर संहिता का विस्तार : (See section 1(5) of BNS 2023) इस संहिता के उपबंध निम्नलिखित व्यक्तीयों के अपराधों को अधिन है- २.(१)भारत से बाहर और परे किसी स्थान में भारत के किसी नागरिक द्वारा…

Continue ReadingIpc धारा ४ : १.(अतिरिक्त प्रादेशिक अपराधों पर संहिता का विस्तार :

Ipc धारा ३ : भारत से बाहर किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ३ : भारत से बाहर किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड : (See section 1(4) of BNS 2023) १.(भारत के बाहर किए गए अपराध के लिए जो कोई व्यक्ती किसी २.(भारतीय विधि) के अनुसार…

Continue ReadingIpc धारा ३ : भारत से बाहर किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड :

Ipc धारा २ : भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा २ : भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड : (See section 1(3) of BNS 2023) हर व्यक्ती इस संहिता के उपबंधों के प्रतिकूल हर कार्य या लोप के लिए जिसका वह १.(भारत) २.(***) के भीतर दोषी होगा, इसी…

Continue ReadingIpc धारा २ : भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड :

Ipc धारा १ : संहिता का नाम और विस्तार :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० १.(१८६० का अधिनियम संख्यांक ४५) (६ अक्तूबर १८६०) अध्याय १ : प्रस्तावना : उद्देशिका : २.(भारत) के लिए एक साधारण दण्ड संहिता का उपबंध करना समीचीन है; अत: यह निम्नलिखित रुप में अधिनियमित किया जाता है :- धारा १ : संहिता…

Continue ReadingIpc धारा १ : संहिता का नाम और विस्तार :

Bns 2023 धारा ३५८ : निरसन और व्यावृत्ति :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३५८ : निरसन और व्यावृत्ति : १) भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) का निरसन किया जाता है । २) उपधारा (१) में निर्दिष्ट अधिनियम का निरसन होने पर भी निम्नलिखित पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा, - क) ऐसे…

Continue ReadingBns 2023 धारा ३५८ : निरसन और व्यावृत्ति :

Bns 2023 धारा ३५७ : असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग के विषय में : धारा ३५७ : असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा…

Continue ReadingBns 2023 धारा ३५७ : असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग :

Bns 2023 धारा ३५६ : मानहानि :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ मानहानि के विषय में : धारा ३५६ : मानहानि : धारा : ३५६ (२) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के विरुद्ध मानहानि जो उसके लोककृत्यों के…

Continue ReadingBns 2023 धारा ३५६ : मानहानि :