Ipc धारा ५०० : मानहानि के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०० : मानहानि के लिए दण्ड : (See section 356(2) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के विरुद्ध मानहानि जो उसके लोककृत्यों के…

Continue ReadingIpc धारा ५०० : मानहानि के लिए दण्ड :

Ipc धारा ४९९ : मानहानि :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय २१ : मानहानि के विषय में : धारा ४९९ : मानहानि : (See section 356(1) of BNS 2023) जो कोई बोले गए या पढे जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्य रुपणों द्वारा किसी व्यक्ती के…

Continue ReadingIpc धारा ४९९ : मानहानि :

Ipc धारा ४९८ क : किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय २० क : १.(पति या पति के नातेदारों द्वारा कू्ररता के विषय में : धारा ४९८ क : किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना : (See section 85 of BNS 2023) अपराध का…

Continue ReadingIpc धारा ४९८ क : किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना :

Ipc धारा ४९८ : विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४९८ : विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना : (See section 84 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना या…

Continue ReadingIpc धारा ४९८ : विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना :

Ipc धारा ४९७ : जारकर्म (परगमन / अन्यगमन) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४९७ : १. (जारकर्म (परगमन / अन्यगमन) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : जारकर्म । दण्ड :पाँच वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय । शमनीय या अशमनीय…

Continue ReadingIpc धारा ४९७ : जारकर्म (परगमन / अन्यगमन) :

Ipc धारा ४९६ : विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्वक विवाह कर्म पूरा कर लेना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४९६ : विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्वक विवाह कर्म पूरा कर लेना : (See section 83 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कपटपूर्ण आशय से विवाहित होने के कर्म को यह जानते हुए किसी व्यक्ति द्वारा पुरा…

Continue ReadingIpc धारा ४९६ : विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्वक विवाह कर्म पूरा कर लेना :

Ipc धारा ४९५ : वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ती को छिपाकर जिसके साथ पश्चात्वर्ती विवाह किया जाता है :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४९५ : वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ती को छिपाकर जिसके साथ पश्चात्वर्ती विवाह किया जाता है : (See section 82(2) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ति से छिपाकर,…

Continue ReadingIpc धारा ४९५ : वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ती को छिपाकर जिसके साथ पश्चात्वर्ती विवाह किया जाता है :

Ipc धारा ४९४ : पति या पत्नी के जीवनकाल में पुन: विवाह करना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४९४ : पति या पत्नी के जीवनकाल में पुन: विवाह करना : (See section 82(1) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : पति या पत्नी के जीवनकाल में पुन: विवाह करना । दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास,…

Continue ReadingIpc धारा ४९४ : पति या पत्नी के जीवनकाल में पुन: विवाह करना :

Ipc धारा ४९३ : विधिपूर्ण विवाह का प्रवंचना (बहानेसे) से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष द्वारा कारित सहवास :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय २० : विवाह संबंधी अपराधों के विषय में : धारा ४९३ : विधिपूर्ण विवाह का प्रवंचना (बहानेसे) से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष द्वारा कारित सहवास : (See section 81 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : पुरुष…

Continue ReadingIpc धारा ४९३ : विधिपूर्ण विवाह का प्रवंचना (बहानेसे) से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष द्वारा कारित सहवास :

Ipc धारा ४९१ : असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४९१ : असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग : (See section 357 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किशोरावस्था या चित्तविकृति या रोग के कारण…

Continue ReadingIpc धारा ४९१ : असहाय व्यक्ति की परिचर्या (ध्यान देना) करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग :

Ipc धारा ४९० : समुद्र यात्रा या यात्रा के दौरान सेवा भंग :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय १९ : सेवा संविदाओं के आपराधिक भंग के विषय में : धारा ४९० : समुद्र यात्रा या यात्रा के दौरान सेवा भंग : कर्मकार संविदा भंग (निरसन) अधिनियम, १९२५ (१९२५ का ३) की धारा २ और अनुसूची द्वारा निरसित ।

Continue ReadingIpc धारा ४९० : समुद्र यात्रा या यात्रा के दौरान सेवा भंग :

Ipc धारा ४८९ ङ : १.(करेंसी नोटों या बैंक नोटो से सदृश रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८९ ङ : १.(करेंसी नोटों या बैंक नोटो से सदृश रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग : (See section 182 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : करेंसी नोटों या बैंक नोटों से सादृश्य रखने वाली दस्तावेजों…

Continue ReadingIpc धारा ४८९ ङ : १.(करेंसी नोटों या बैंक नोटो से सदृश रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग :

Ipc धारा ४८९ घ : करेंसी नोटों या बैंक नोटो की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८९ घ : करेंसी नोटों या बैंक नोटो की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना : (See section 181 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : करेंसी नोटों या बैंक नोटों…

Continue ReadingIpc धारा ४८९ घ : करेंसी नोटों या बैंक नोटो की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना :

Ipc धारा ४८९ ग : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को कब्जे में रखना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८९ ग : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को कब्जे में रखना : (See section 180 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को कब्जे में रखना…

Continue ReadingIpc धारा ४८९ ग : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को कब्जे में रखना :

Ipc धारा ४८९ ख : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली रुप में उपयोग में लाना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८९ ख : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली रुप में उपयोग में लाना : (See section 179 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को…

Continue ReadingIpc धारा ४८९ ख : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली रुप में उपयोग में लाना :

Ipc धारा ४८९ क : करेन्सी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० १.(करेन्सी नोटों और बैंक नोटों के विषय में : धारा ४८९ क : करेन्सी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण : (See section 178 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : करेंसी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण ।…

Continue ReadingIpc धारा ४८९ क : करेन्सी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण :

Ipc धारा ४८९ : क्षति कारित करने के आशय से संपत्ति चिन्ह को बिगाडना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८९ : क्षति कारित करने के आशय से संपत्ति चिन्ह को बिगाडना : (See section 346 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : क्षति कारित करने के आशय से किसी सम्पत्ति चिन्ह को मिटाना, नष्ट करना या विरुपित…

Continue ReadingIpc धारा ४८९ : क्षति कारित करने के आशय से संपत्ति चिन्ह को बिगाडना :

Ipc धारा ४८८ : किसी ऐसे मिथ्या चिन्ह को उपयोग में लाने के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८८ : किसी ऐसे मिथ्या चिन्ह को उपयोग में लाने के लिए दण्ड : (See section 350 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी ऐसे मिथ्या चिन्ह का उपयोग करना । दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास,…

Continue ReadingIpc धारा ४८८ : किसी ऐसे मिथ्या चिन्ह को उपयोग में लाने के लिए दण्ड :

Ipc धारा ४८७ : जिसमें माल रखा है, ऐसे किसी पात्र के ऊपर मिथ्या चिन्ह बनाना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८७ : जिसमें माल रखा है, ऐसे किसी पात्र के ऊपर मिथ्या चिन्ह बनाना : (See section 350 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी पैकेज या पात्र पर, जिसमें माल रखा हुआ हो, इस आशय से…

Continue ReadingIpc धारा ४८७ : जिसमें माल रखा है, ऐसे किसी पात्र के ऊपर मिथ्या चिन्ह बनाना :

Ipc धारा ४८६ : कूटकृत संपत्ति चिन्ह से चिन्हित माल का विक्रय :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ४८६ : कूटकृत संपत्ति चिन्ह से चिन्हित माल का विक्रय : (See section 349 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कूटकृत सम्पत्ति चिन्ह से चिन्हित माल का जानते हुए विक्रय । दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास,…

Continue ReadingIpc धारा ४८६ : कूटकृत संपत्ति चिन्ह से चिन्हित माल का विक्रय :