Bnss धारा ९ : न्यायिक मजिस्ट्रटों के न्यायालय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ९ : न्यायिक मजिस्ट्रटों के न्यायालय : १) प्रत्येक जिले में प्रथम वर्ग और द्वितीय वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रटों के इतने न्यायालय, ऐसे स्थानों में स्थापित किए जाएँगे जितने और जो राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् अधिसूचना…

Continue ReadingBnss धारा ९ : न्यायिक मजिस्ट्रटों के न्यायालय :

Bnss धारा ८ : सेशन (सत्र) न्यायालय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ८ : सेशन (सत्र) न्यायालय : १) राज्य सरकार प्रत्येक सेशन खण्ड के लिए एक सेशन न्यायालय स्थापित करेगी । २) प्रत्येक सेशन न्यायालय में एक न्यायाधीश पीठासीन (अध्यक्ष होना) होगा, जो उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किया जाएगा ।…

Continue ReadingBnss धारा ८ : सेशन (सत्र) न्यायालय :

Bnss धारा ७ : प्रादेशिक खण्ड :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ७ : प्रादेशिक खण्ड : १)प्रत्येक राज्य एक सेशन(सत्र) खण्ड होगा या उसमें सेशन खण्ड होंगे और इस संहिता के प्रयोजनों के लिए प्रत्येक सेशन खण्ड एक जिला होगा या उसमें जिले होंगे । २) राज्य सरकार उच्च न्यायालय…

Continue ReadingBnss धारा ७ : प्रादेशिक खण्ड :

Bnss धारा ६ : दण्ड न्यायालयों के वर्ग :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २ : दण्ड न्यायालयों और कायालयों का गठन : धारा ६ : दण्ड न्यायालयों के वर्ग : उच्च न्यायालयों और इस संहिता से भिन्न किसी विधि के अधीन गठित न्यायालयों के अतिरिक्त, प्रत्येक राज्य में निम्नलिखित वर्गो के दण्ड…

Continue ReadingBnss धारा ६ : दण्ड न्यायालयों के वर्ग :

Bnss धारा ५ : व्यावृत्ति (अपवाद / बचत):

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५ : व्यावृत्ति (अपवाद / बचत): इससे प्रतिकूल किसी विनिर्दिष्ट उपबन्ध के अभाव में इस संहिता की कोई बात तत्समय प्रवृत्त किसी विशेष या स्थानीय विधि पर, या तत्तसमय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा प्रदत्त किसी विशेष अधिकारिता या…

Continue ReadingBnss धारा ५ : व्यावृत्ति (अपवाद / बचत):

Bnss धारा ४ : भारतीय न्याय संहिता २०२३ और अन्य विधियों के अधीन अपराधों का विचारण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४ : भारतीय न्याय संहिता २०२३ और अन्य विधियों के अधीन अपराधों का विचारण : १) भारतीय न्याय संहिता २०२३ के अधीन सब अपराधों का अन्वेषण, जाँच, विचारण और उनके सम्बन्ध में अन्य कार्यवाही इसमें इसके पश्चात् अन्तर्विष्ट उपबन्धों…

Continue ReadingBnss धारा ४ : भारतीय न्याय संहिता २०२३ और अन्य विधियों के अधीन अपराधों का विचारण :

Bnss धारा ३ : निर्देशों का अर्थ लगाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३ : निर्देशों का अर्थ लगाना : १) जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, किसी मजिस्ट्रेट, बिना किसी विशेषक शब्दों के, प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट के प्रति किसी विधि में कोई निर्देश का…

Continue ReadingBnss धारा ३ : निर्देशों का अर्थ लगाना :

Bnss धारा २ : परिभाषाए :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २ : परिभाषाए : इस सहिंता में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो - (a) क) श्रव्य-दृश्य इलैक्ट्रानिक : श्रव्य-दृश्य इलैक्ट्रानिक साधन के अंतर्गत वीडियो कान्फ्रेqसग, पहचान की आदेशिकाओं का अभिलेखन करना, तलाशी और अभिग्रहण या…

Continue ReadingBnss धारा २ : परिभाषाए :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ (२०२३ का अधिनियम क्रमांक ४६) दण्ड प्रक्रिया संबंधी विधि का समेकन और संशोधन करने के लिए अधिनियम भारत गणराज्य के चौहत्तरवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :- अध्याय १ : प्रारम्भिक : धारा १ :…

Continue Readingभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १

Ipc धारा ५११ : आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय २३ : अपराधों को करने के प्रयत्नों के विषय में : धारा ५११ : आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड : (See section 62 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण…

Continue ReadingIpc धारा ५११ : आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड :

Ipc धारा ५१० : मत्त (शराब पिया व्यक्ती) व्यक्तीयों द्वारा लोक स्थान में अवचार :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५१० : मत्त (शराब पिया व्यक्ती) व्यक्तीयों द्वारा लोक स्थान में अवचार : (See section 355 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : मत्तता की हालत में लोक स्थान, आदि में प्रवेश करना और किसी व्यक्ति को क्षोभ…

Continue ReadingIpc धारा ५१० : मत्त (शराब पिया व्यक्ती) व्यक्तीयों द्वारा लोक स्थान में अवचार :

Ipc धारा ५०९ : शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०९ : शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं : (See section 79 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय…

Continue ReadingIpc धारा ५०९ : शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं :

Ipc धारा ५०८ : किसी व्यक्ती को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा, कराया गया कार्य :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०८ : किसी व्यक्ती को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा, कराया गया कार्य : (See section 354 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : व्यक्ति को यह विश्वास करने…

Continue ReadingIpc धारा ५०८ : किसी व्यक्ती को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा, कराया गया कार्य :

Ipc धारा ५०७ : अनाम (अज्ञात) आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०७ : अनाम (अज्ञात) आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) : (See section 351(4) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : अनाम संसूचना द्वारा अथवा वह धमकी कहां से आती है उसके छिपाने की पूर्वावधानी करके किया गया आपराधिक…

Continue ReadingIpc धारा ५०७ : अनाम (अज्ञात) आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) :

Ipc धारा ५०६ : आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०६ : आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) के लिए दण्ड : (See section 351(2) and (3) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : आपराधिक अभित्रास । दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय…

Continue ReadingIpc धारा ५०६ : आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) के लिए दण्ड :

Ipc धारा ५०५ : लोक रिष्टिकारक वक्तव्य :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०५ : १.(लोक रिष्टिकारक वक्तव्य : (See section 353 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : मिथ्या कथन, जनश्रुति, आदि को इस आशय से परिचालित करना कि विद्रोह हो अथवा लोक-शान्ति के विरुद्ध अपराध हो । दण्ड :तीन…

Continue ReadingIpc धारा ५०५ : लोक रिष्टिकारक वक्तव्य :

Ipc धारा ५०४ : लोक शांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से साशय अपमान :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०४ : लोक शांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से साशय अपमान : (See section 352 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक-शांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से अपमान । दण्ड :दो…

Continue ReadingIpc धारा ५०४ : लोक शांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से साशय अपमान :

Ipc धारा ५०३ : आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० अध्याय २२ : आपराधिक अभित्रास(धमकी), अपमान और क्षोभ के विषय में : धारा ५०३ : आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) : (See section 351(1) of BNS 2023) जो कोई किसी अन्य व्यक्ती के शरीर, ख्याति या सम्पत्ति को, या किसी ऐसे…

Continue ReadingIpc धारा ५०३ : आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) :

Ipc धारा ५०२ : मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण (अंकित) पदार्थ का बेचना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०२ : मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण (अंकित) पदार्थ का बेचना : (See section 356(4) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : क) मानहानिकारक विषय अन्तर्विष्ट रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण पदार्थ का, यह जानते हुए…

Continue ReadingIpc धारा ५०२ : मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण (अंकित) पदार्थ का बेचना :

Ipc धारा ५०१ : मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण(अंकित) करना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा ५०१ : मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण(अंकित) करना : (See section 356(3) of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध : क) राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के…

Continue ReadingIpc धारा ५०१ : मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण(अंकित) करना :