Bns 2023 धारा ३८ : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यू कारित करने तक कब होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३८ : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यू कारित करने तक कब होता है : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, पूर्ववर्ती अंतिम धारा ३७ में वर्णित निर्बंधनों के अधीन रहते हुए, हमलावर…

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Bns 2023 धारा ३७ : कोई कार्य, जिनके विरुध्द निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३७ : कोई कार्य, जिनके विरुध्द निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है : १) उस कार्य के विरुद्ध, (a) क) यदि कोई कार्य या बात, जिससे मृत्यू या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रुप से कारित नहीं होती;…

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Bns 2023 धारा ३६ : ऐसे व्यक्ती के कार्य के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार, जो विकृत चित, आदि हो :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३६ : ऐसे व्यक्ती के कार्य के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार, जो विकृत चित, आदि हो : जबकि कोई कार्य या बात, जो अन्यथा कोई अपराध होता है, उस कार्य या बात को करने वाले व्यक्ती के बालकपन,…

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Bns 2023 धारा ३५ : शरीर तथा संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३५ : शरीर तथा संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार : इस अधिनियम कें धारा ३७ में अन्तर्विष्ट निर्बंधनों के अध्ययीन, हर व्यक्ती को अधिकार है कि वह - (a) क) मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले किसी अपराध…

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Bns 2023 धारा ३४ : निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा में की गई बाते या कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के विषय में : धारा ३४ : निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा में की गई बाते या कार्य : जो निजी(प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग में की जाती है, वह बात या कार्य अपराध नहीं है ।

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Bns 2023 धारा ३३ : किसी बात या कार्य से तुच्छ या अल्प अपहानि कारित हो :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३३ : किसी बात या कार्य से तुच्छ या अल्प अपहानि कारित हो : कोई बात या कार्य इस कारण से अपराध नहीं है कि उससे कोई अपहानि कारित होती है या कारित की जानी आशयित है या कारित होने…

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Bns 2023 धारा ३२ : वह कार्य जिसे करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३२ : वह कार्य जिसे करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है : हत्या और राज्य के विरुद्ध अपराधों को मृत्यू से दण्डनीय है, उन्हे छोडकर कोई बात या कार्य अपराध नहीं है, जो ऐसे व्यक्ति…

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Bns 2023 धारा ३१ : सद्भावपूर्वक दी गई संसुचना (दो या अधिक व्यक्तियों या स्थानों को सूचना देने के साधन) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३१ : सद्भावपूर्वक दी गई संसुचना (दो या अधिक व्यक्तियों या स्थानों को सूचना देने के साधन) : सद्भावपूर्वक दी गई संसुचना उस अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो उस व्यक्ति को हो जिसे वह दी गई है, यदि…

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Bns 2023 धारा ३० : किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति के बिना सद्भावपूर्वक किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३० : किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति के बिना सद्भावपूर्वक किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक उसकी सम्मति के बिना की गई है, ऐसी किसी अपहानि के कारण,…

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Bns 2023 धारा २९ : ऐसे कार्यो का अपवर्जन (बहिष्करण) जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: (खुद) अपराध है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २९ : ऐसे कार्यो का अपवर्जन (बहिष्करण) जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: (खुद) अपराध है : धारा २५, २६ और २७ के अपवादों का विस्तार उन कार्यो पर नहीं है जो उस अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध…

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Bns 2023 धारा २८ : सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २८ : सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है : कोई सम्मति ऐसी सम्मति नहीं है जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है,- (a) क) यदि वह सम्मति…

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Bns 2023 धारा २७ : संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से बालक या विकृत चित्त वाले व्यक्ती के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २७ : संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से बालक या विकृत चित्त वाले व्यक्ती के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो बारह वर्ष से कम आयु के या विकृतचित्त वाले व्यक्ति के फायदे…

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Bns 2023 धारा २६ : किसी व्यक्ती के फायदे के लिए उसके सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यू कारित करने का आशय नहीं है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २६ : किसी व्यक्ती के फायदे के लिए उसके सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यू कारित करने का आशय नहीं है : कोई बात या कार्य, जो किसी ऐसी अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो मृत्यू कारित…

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Bns 2023 धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो मृत्यू या घोर उपहति…

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Bns 2023 धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है : जहां कि कोई किया गया कोइ कार्य अपराध नहीं होता जब तक कि वह किसी…

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Bns 2023 धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय मत्तता के कारण…

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Bns 2023 धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय, चित्त-विकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण…

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Bns 2023 धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य : जब कोई बात, जो सात वष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती…

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Bns 2023 धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य : जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की गई कोइ बात या कोई कार्य अपराध नहीं है ।

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Bns 2023 धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है : जो कोई बात, केवल इस कारण यह जानते हुए की…

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