धारा १६ : अन्य विधियों का लागू होना वर्जित नहीं :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १६ : अन्य विधियों का लागू होना वर्जित नहीं : है इस अधिनियम के उपबन्ध, विदेशियों का रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, १९३९ (१९३९ का १६), भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, १९२० (१९२० का ३४) और तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य अधिनियमिति के उपबन्धों के अतिरिक्त…

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धारा १५ : इस अधिनियम के अधीन कार्य कर रहे व्यक्तियों को संरक्षण :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १५ : इस अधिनियम के अधीन कार्य कर रहे व्यक्तियों को संरक्षण : कोई भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही किसी भी ऐसी बात के बारे में जो इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गई हो या की जाने…

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विदेशियों विषयक अधिनियम धारा १४ग : १.(दुष्प्रेरण के लिए शास्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १४ग : १.(दुष्प्रेरण के लिए शास्ति : जो कोई धारा १४ या धारा १४क या धारा १४ख के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का दुष्प्रेरण करता है यदि दुष्प्रेरित कार्य, दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाता है तो वह उस दण्ड से…

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धारा १४ख : १.(कूटरचित पासपोर्ट का प्रयोग करने पर दंड :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १४ख : १.(कूटरचित पासपोर्ट का प्रयोग करने पर दंड : जो कोई जानते हुए भी भारत में प्रवेश करने के लिए कूटरचित पासपोर्ट का उपयोग करता है या तत्समय प्रवृत्त विधि के प्राधिकार के बिना वहां रहता है, तो वह…

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धारा १४क : १.(निर्बन्धित क्षेत्रों, आदि में प्रवेश के लिए शास्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १४क : १.(निर्बन्धित क्षेत्रों, आदि में प्रवेश के लिए शास्ति : जो कोई- (a)क) भारत के किसी ऐसे क्षेत्र में, जो इस अधिनियम के अधीन किए गए किसी आदेश या उसके अनुसरण में दिए गए किसी निदेश के अधीन उसके…

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धारा १४ : १.(अधिनियम आदि के उपबंधों के उल्लंघन के लिए शास्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १४ : १.(अधिनियम आदि के उपबंधों के उल्लंघन के लिए शास्ति : जो कोई- (a)क) भारत के किसी क्षेत्र में, उस अवधि से, जिसके लिए उसे वीजा जारी किया गया था, अधिक अवधि तक रहता है; (b)ख) भारत में या…

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धारा १३ : इस अधिनियम आदि के उपबन्धों का उल्लंघन करने का प्रयास आदि :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १३ : इस अधिनियम आदि के उपबन्धों का उल्लंघन करने का प्रयास आदि : १) कोई व्यक्ति जो इस अधिनियम के उपबन्धों या तद्धीन बनाए गए किसी आदेश या दिए गए किसी निदेश का उल्लंघन या दुष्प्रेरण की तैयारी करता…

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धारा १२ : प्राधिकार के प्रत्यायोजन की शक्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा १२ : प्राधिकार के प्रत्यायोजन की शक्ति : कोई प्राधिकारी जिसे इस अधिनियम या तद्धीन किए गए किसी आदेश द्वारा कोई निदेश, सम्मति या अनुज्ञा करने या देने या किसी अन्य कार्य को करने की शक्ति प्रदत्त है, जब तक…

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धारा ११ : आदेशों, निदेशों आदि को प्रभावी करने की शक्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ११ : आदेशों, निदेशों आदि को प्रभावी करने की शक्ति : १) इस अधिनियम के उपबन्धों द्वारा या उनके अधीन या उनके अनुसरण में कोई निदेश देने के लिए या किसी अन्य शक्ति का प्रयोग करने के लिए सशक्त प्राधिकारी…

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विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ९ : सबूत का भार :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ९ : सबूत का भार : यदि किसी मामले में, जो धारा ८ में नहीं आता है इस अधिनियम या तद्धीन बनाए गए किसी आदेश या दिए गए किसी निदेश के संदर्भ में कोई प्रश्न उठता है, कि क्या कोई…

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विदेशियों विषयक अधिनियम धारा ८ : राष्ट्रिकता का अवधारण :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ८ : राष्ट्रिकता का अवधारण : १) जहां कोई विदेशी एक से अधिक विदेशों की विधि द्वारा राष्ट्रिक के रुप में मान्यता प्राप्त है या जहां किसी कारण से यह अनिश्चित है कि किसी विदेशी को किस देश की राष्ट्रिकता,…

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धारा ७क : १.(विदेशी जहां बार-बार आते है उन स्थानों को नियंत्रित करने की शक्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ७क : १.(विदेशी जहां बार-बार आते है उन स्थानों को नियंत्रित करने की शक्ति : १) विहित प्राधिकारी, ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए जो विहित की जाएं, उपाहार गृह या सार्वजनिक समागम या आमोद-प्रमोद के स्थान या क्लब के…

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धारा ७ : होटल के चलाने वालों और अन्य व्यक्तियों को विशिष्टियां देने की बाध्यता :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ७ : होटल के चलाने वालों और अन्य व्यक्तियों को विशिष्टियां देने की बाध्यता : १) किसी ऐसे परिसर को चाहे वह सुसज्जित हो या असुसज्जित, जहां पारिश्रमिक के लिए निवास और शयन की व्यवस्था की जाती है, चलाने वाले…

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विदेशियों विषयक अधिनियम धारा ६ : जलयान आदि के मास्टरों की बाध्यताएं :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ६ : जलयान आदि के मास्टरों की बाध्यताएं : १) १.(भारत) में किसी पत्तन पर समुद्र से उस पत्तन को आने वाले या उससे जाने वाले यात्रियों को उस पत्तन पर उतारने या चढ़ाने वाले जलयान का मास्टर और १.(भारत)…

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विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ५ : नाम परिवर्तन :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ५ : नाम परिवर्तन : १) कोई भी विदेशी जो १.(भारत) में उस तारीख को था जब यह अधिनियम प्रवृत्त हुआ, उस तारीख के पश्चात जब वह १.(भारत) में है, उस नाम से भिन्न जिससे उक्त तारीख से ठीक पहले…

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विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ४ : नजरबन्द :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ४ : नजरबन्द : १.(१) कोई भी विदेशी (जिसे इसमें इसके पश्चात् नजरबंद कहा गया है) जिसके संबंध में धारा ३ की उपधारा (२) के खण्ड (छ) के अधीन दिया गया कोई आदेश प्रवृत्त है जिसमें यह निदेश है कि…

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विदेशियों विषयक अधिनियम धारा ३क : १.(कतिपय मामलों में अधिनियम लागू होने से राष्ट्रमंडलीय देशों के नागरिकों और अन्य व्यक्तियों को छूट देने की शक्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ३क : १.(कतिपय मामलों में अधिनियम लागू होने से राष्ट्रमंडलीय देशों के नागरिकों और अन्य व्यक्तियों को छूट देने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार आदेश द्वारा यह घोषणा कर सकती है कि इस अधिनियम या तद्धीन बनाए गए आदेश…

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विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ३ : आदेश बनाने की शक्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा ३ : आदेश बनाने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार या तो साधारणतः या सब विदेशियों के संबंध में या किसी विशिष्ट विदेशी संबंध में या किसी विहित वर्ग या विवरण के विदेशी के संबंध में १.(भारत) में विदेशियों के…

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विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा २ : परिभाषाएं :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ धारा २ : परिभाषाएं : इस अधिनियम में,- (a)१.(क) विदेशी से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जो भारत का नागरिक नहीं है;) २.(***) (b)ख) विहित से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए आदेशों द्वारा विहित अभिप्रेत है; (c)ग) विनिर्दिष्ट से विहित प्राधिकारी…

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धारा १ : संक्षिप्त नाम और विस्तार :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६ १.(१९४६ का अधिनियम संख्यांक ३१) विदेशियों के सम्बन्ध में केन्द्रीय सरकार को कतिपय शक्तियां प्रदान करने के लिए अधिनियम भारत में विदेशियों का प्रवेश, उसमें उनकी उपस्थिति और उनके उससे प्रस्थान के संबंध में केन्द्रीय सरकार द्वारा कतिपय शक्तियों का प्रयोग…

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