भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ९५ :
मौखिक करार के साक्ष्य का अपवर्जन (रोकना / हटाया जाना) :
जबकि किसी ऐसी संविदा, अनुदान या सम्पत्ति के अन्य व्ययन के निबंधनों को, या किसी बात को, जिनके बारे में विधि द्वारा अपेक्षित है कि वह दस्तावेज के रुप में लेखबद्ध की जाए, धारा ९४ के अनुसार साबित किया जा चुका हो, तब ऐसी किसी लिखित के पक्षकारों या उनके हित प्रतिनिधियों के बीच के किसी मौखिक करार या कथन का कोई भी साक्ष्य उसके निबंधनों का खण्डन करने के या उनमें फेरफार करने के या जोडने के या उनमें से घटाने के प्रयोजन के लिए ग्रहण न किया जाएगा :
परन्तु ऐसा कोई तथ्य साबित किया जा सकेगा, जो किसी दस्तावेज को अविधिमान्य बना दे या जो किसी व्यक्ति को तत्संबंधी किसी हिक्री या आदेश का हकदार बना दे, यथा कपट, अभित्रास, अवैधता, सम्यक् निष्पादन का अभाव किसी संविदाकारी पक्षकार में सामथ्र्य का अभाव, प्रतिफल का अभाव या निष्फलता या विधि की या तथ्य की भूल :
परन्तु यह और कि किसी विषय के बारे में, जिसके बारे में दस्तावेज मौन है, और जो उसके निबंधनों से असंगत नहीं है, किसी पृथक् मौखिक करार का अस्तित्व साबित किया जा सकेगा । इस पर विचार करते समय कि यह परन्तुक लागू होता है या नहीं, न्यायालय दस्तावेज की प्ररुपिता (औपचारिकता) की मात्रा को ध्यान में रखेगा :
परन्तु यह भी कि ऐसी किसी संविदा, अनुदान या संपत्ति के व्ययन के अधीन कोई बाध्यता संलग्न होने की पुरोभाव्य शर्त (कोई शर्त / किसी संपदा के निहित हाने) गठित करने वाले किसी पृथक् मौखिक करार का अस्तित्व साबित किया जा सकेगा ।
परन्तु यह भी कि ऐसी किसी संविदा, अनुदान या संपत्ति के व्ययन को विखंडित या उपांतरित करने के लिए किसी सुभिन्न पाश्चिक मौखिक करार का अस्तित्व उन अवस्थाओं के सिवाय साबित किया जा सकेगा, जिनमें विधि द्वारा अपेक्षित है कि ऐसी संविदा, अनुदान या संपत्ति का व्ययन लिखित हो अथवा जिनमें दस्तावेज के रजिस्टड्ढीकरण के बारे में तत्समय प्रवृत्त विधि के अनुसार उसका रजिस्टड्ढीकरण किया जा चुका है :
परन्तु यह भी कि कोई प्रथा या रुढि, जिसके द्वारा किसी संविदा में अभिव्यक्त रुप से वर्णित न होने वाली प्रसंगतियाँ (घटना ) उस प्रकार की संविदाओं से प्राय: उपाबद्ध (संलग्न) रहती है, साबित की जा सकेगी :
परन्तु यह भी कि ऐसी प्रसंगतियों का उपाबंधन संविदा के अभिव्यक्त निबंधनों के विरुद्ध या उनसे असंगत न हो :
परन्तु यह भी कि कोई तथ्य, जो यह दर्शित करता है कि किसी दस्तावेज की भाषा वर्तमान तथ्यों से किस प्रकार संबंधित है, साबित किया जा सकेगा ।
दृष्टांत :
(a) क) बीमा की एक पॉलिसी उस माल के लिए की गई जो कोलकाता से विशाखापट्टनम् जाने वाले पोतों में है । माल किसी विशिष्ट पोत से भेजा जाता है, जो पोत नष्ट हो जाता है । यह तथ्य कि वह विशिष्ट पोत उस पॉलिसी से मौखिक रुप से अपवादित था, साबित नहीं किया जा सकता ।
(b) ख) (बी) को पहली मार्च, २०२३ को १००० रुपये देने का पक्का लिखित करार (ऐ) करता है। यह तथ्य कि उसी समय एक मौखिक करार हुआ था कि यह धन इकतीस मार्च २०२३ तक न दिया जाएगा, साबित नहीं किया जा सकता ।
(c) ग) रामपुर चाय संपदा नामक एक संपदा किसी विलेख द्वारा बेची जाती है, जिसमें विक्रीत संपत्ति का मानचित्र अंतर्विष्ट है । यह तथ्य कि मानचित्र में न दिखाई गई भूमि सदैव सम्पदा का भाग रुप मानी जाती रही थी और उस विलेक द्वारा उसका अन्तरित होना अभिप्रेत था, साबित नहीं किया जा सकता ।
(d) घ) (ऐ) किन्हीं खानों को, जो (बी) की संपत्ति है, किन्हीं निबंधनों पर काम में लाने का (बी) से लिखित करार करता है । उनके मूल्य के बारे में (बी) के दुव्र्यपदेशन (कोई कथन या आचरण जो झूठी या गलत छाप सूचित करता है ।) द्वारा (ऐ) ऐसा करने के लिए उत्प्रेरित हुआ था । यह तथ्य साबित किया जा सकेगा ।
(e) ङ) (बी) पर ऐ किसी संविदा के विनिर्दिष्ट पालन के लिए वाद संस्थित करता है और यह प्रार्थना भी करता है कि संविदा का सुधार उसके एक उपबंध के बारे में किया जाए, क्योंकि वह उपबंध उसमें भूल से अन्तस्थापित (में रखना) किया गया था । (ऐ) साबित कर सकेगा कि ऐसी भूल की गई थी, जिससे संविदा के सुधार करने का हक उसी विधि द्वारा मिलता है ।
(f) च) (ऐ) पत्र द्वारा (बी) का माल आदिष्ट करता है जिसमें संदाय करने के समय के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है और परिदान पर माल को प्रतिगृहीत (स्वीकार करना) करता है । (बी) मूल्य के लिए (ऐ) पर वाद लाता है । (ऐ) दर्शित कर सकेगा कि माल ऐसी अवधि के लिए उधार पर दिया गया था जो अभी अनवसित (जो समाप्त नहीं हुआ है ।) नहीं हुई है ।
(g) छ) (बी) को (ऐ) एक घोडा बेचता है और मौखिक वारण्टी (कोई वचन कि तथ्य की प्रतिपादना सत्य है ।) देता है कि वह अच्छा है । (बी) को (ऐ) इन शब्दों को लिखकर एक कागज देता है, (ऐ) से ३०००० रुपए में एक घोडा खरिदा । (बी) मौखिक वारण्टी साबित कर सकेगा ।
(h) ज) (बी) का बासा (ठहरने वाला स्थान / आवास) (ऐ) भाडे पर लेता है और एक कार्ड देता है जिसमें लिखा है, कमरे १०००० रुपए प्रतिमास । (ऐ) यह मौखिक करार साबित कर सकेगा कि इन निबंधनों के अन्तर्गत भागत: भोजन भी था । (बी) का बासा (ठहरने वाला स्थान / आवास) (ऐ) एक वर्ष के लिए भाडे पर लेता है और उनके बीच अटर्नी द्वारा तैयार किया हुआ एक स्टाम्पित करार किया जाता है । वह करार भोजन देने के लिए विषय में मौन है । (ऐ) साबित नहीं कर सकेगा कि मौखिक तौर पर उस निबंधन के अन्तर्गत भोजन देना भी था ।
(i) झ) (बी) से शोध्य (देय / जो किसी को विधिक रुप से या नैतिक रुप से देय हो ।) ऋण के लिए धन की रसीद भेजकर ऋण चुकाने का (ऐ) आवेदन करता है । (बी) रसीद रख लेता है और धन नहीं भेजता । उस रकम के लिए वाद में (ऐ) इसे साबित कर सकगा ।
(j) ञ) (ऐ) और (बी) लिखित संविदा करते है जो अमुक अनिश्चित घटना के घटित होने पर प्रभावशील होनी है । वह लेख (बी) के पास छोड दिया जाता है जो उसके आधार पर (ऐ) पर वाद लाता है । (ऐ) उन परिस्थितियों को दर्शित कर सकेगा जिनके अधीन वह परिदत्त किया गया था ।
