Bsa धारा ६३ : इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों की ग्राह्यता :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ६३ :
इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों की ग्राह्यता :
१) इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, किसी इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख में अंतर्विष्ट किसी सूचना को भी, जो कम्प्युटर या किसी संचार युक्ति या अन्यथा द्वारा भंडारित, अभिलिखित या किसी इलैक्ट्रानिकी प्ररुप द्वारा उत्पादित और किसी कागज पर मुद्रित, प्रकाशीय या चुम्बकीय मीडिया या अर्ध-चालक ममोरी में भण्डारित, अभिलिखित या नकल की गई हो (जिसे इसमें इसके पश्चात कम्प्यूटर निर्गम कहा गया है), तब एक दस्तावेज समझा जाएगा, यदि प्रश्नगत सूचना और कम्प्युटर के संबंध में, इस धारा में उल्लिखित शर्तें पूरी कर दी जाती है और वह मूल की किसी अंतर्वस्तु या उसमें कथित किसी तथ्य के साक्ष्य के रुप में, जिसका प्रत्यक्ष साक्ष्य ग्राह्य होता, अतिरिक्त सबूत या मूल को पेश किए बिना ही किन्हीं कार्यवाहियों में ग्राह्य होगा ।
२) कम्प्यूटर निर्गम की बाबत उपधारा (१) में वर्णित शर्तें निम्नलिखित होंगी, अर्थात् –
(a) क) सूचना से युक्त कम्प्यूटर निर्गम, कम्प्यूटर या संसूचना युक्ति द्वारा उस अवधि के दौरान उत्पादित किया गया था जिसमें उस व्यक्ति द्वारा, जिसका कम्प्युटर के उपयोग पर विधिपूर्ण नियंत्रण था, उस अवधि में नियमित रुप से किए गए किसी क्रियाकलाप के प्रयोजन के लिए सृजन, सूचना भंडारित करने या प्रसंस्करण (विनिर्माण संक्रियाओं में प्रयुक्त कोई विशेष तरीका या प्रणाली ) करने के लिए नियमित रुप से कम्प्यूटर या संसूचना युक्ति का उपयोग किया गया था;
(b) ख) उक्त अवधि के दौरान, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख में अंतर्विष्ट किस्म की सूचना या उस किस्म की जिससे इस प्रकार अंतर्विष्ट सूचना व्युत्पन्न प्राप्त की जाती है, उक्त क्रियाकलापों के सामान्य अनुक्रम में कम्प्यूटर या संसूचना युक्ति में नियमित रुप से भरी गई थी;
(c) ग) उक्त अवधि के महत्वपूर्ण भाग में आद्योपांत (सर्वत्र), कम्प्यूटर या संचार युक्ति समुचित रुप से कार्य कर रहा था अथवा यदि नहीं तो, उस अवधि के उस भाग की बाबत् , जिसमें कम्प्यूटर समुचित रुप से कार्य नहीं कर रहा था या वह उस अवधि में प्रचालन (काम करना, संचालित) में नहीं था, ऐसी अवधि नहीं थी जिसमें इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख या उसकी अंतर्वस्तु की शुद्धता प्रभावित होती हो; और
(d) घ) इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख में अंतर्विष्ट सूचना ऐसी सूचना से पुन:उत्पादित या व्युत्पन्न की जाती है, जिसे उक्त क्रियाकलापों के सामान्य अनुक्रम में कम्प्यूटर में भरा गया था ।
३) जहाँ किसी अवधि में, उपधारा (२) के खण्ड (क) (a) में यथा-उल्लिखित, उस अवधि के दौरान नियमित रुप से किए गए किन्हीं क्रियाकलापों के प्रयोजनों के लिए सूचना के सृजन, भण्डारण या प्रसंस्करण का कार्य नियमित रुप से एक या अधिक कम्प्यूटरों या संचार युक्ति द्वारा निष्पादित किया गया था, चाहे वह –
(a) क) एकल ढंग में; या
(b) ख) किसी कंप्युटर प्रणाली पर; या
(c) ग) किसी कंप्युटर नेटवर्क पर; या
(d) घ) सूचना को समर्थ बनाने, सूचना का सृजन या उपलब्ध कराने वाले, प्रक्रमण और भंडारण करने वाले कंप्युटर साधन पर; और
(e) ङ) किसी मध्यवर्ती द्वारा,
उस अवधि के दौरान उस प्रयोजन के लिए उपयोग किए गए सभी कम्प्यूटर या संचारयुक्तियों को इस धारा के प्रयोजनों के लिए एक कम्प्यूटर या संचार-युक्ति समझा जाएगा; और इस धारा में किसी कम्प्यूटर या संचार-युक्ति के प्रति निर्देश का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा ।
४) किन्हीं कार्यवाहियों में, जहाँ इस धारा के आधार पर साक्ष्य में विवरण दिया जाना वांछित है, निम्नलिखित बातों में से किसी बात को पूरा करते हुए प्रमाणपत्र को प्रत्येक बार इलैक्ट्रानिकी अभिलेख के साथ वहां प्रस्तुत किया जाएगा जहां इसे स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया है, अर्थात-
(a) क) विवरण से युक्त इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की पहचान करना और उस रीति का वर्णन करना जिससे इसका उत्पादन किया गया था;
(b) ख) उस इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के उत्पादन में अन्तर्वलित किसी युक्ती को ऐसी विशिष्टियाँ देना, जो यह दर्शित करने के प्रयोजन के लिए समुचित हों, कि इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख का कम्प्यूटर या उपधारा (३) के खंड (क) (a)से खंड (ङ) (e)में निर्दिष्ट किसी संचार युक्ति द्वारा उत्पादन किया गया था;
(c) ग) ऐसे विषयों में से किसी पर कार्यवाही करना, जिससे उपधारा (२) में उल्लिखित शर्तें संबंधित है, और किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के लिए तात्पर्यित होना, जो सुसंगत युक्ति के प्रचालन या सुसंगत क्रियाकलप के प्रबंध के (जो भी समुचित हो) संबंध में उत्तरदायी पदीय हैसियत में हो, प्रमाण-पत्र में कथित किसी विषय का साक्ष्य होगा; और इस उपधारा के प्रयाजनों के लिए किसी ऐसे विषय के लिए यह कथन पर्याप्त होगा कि यह कथन करने वाले व्यक्ति के सर्वोत्तम ज्ञान और विश्वास के आधार पर कहा गया है ।
५) इस धारा के प्रयोजनों के लिए :
(a) क) सूचना किसी कम्प्यूटर या संचार युक्ति को प्रदाय की गई समझा जाएगी यदि यह किसी समुचित रुप में प्रदाय की गई है, चाहे इस प्रकार किया गया प्रदाय सीधे (मानव मध्यक्षेप सहित या रहित) या किसी समुचित उपस्कर के माध्यम द्वारा किया गया हो;
(b) ख) कम्प्यूटर उत्पाद को कम्प्यूटर या संचार युक्ति द्वारा उत्पादित समझा जाएगा, चाहे यह इसके द्वारा सीधे उत्पादित हो (मानव मध्यक्षेप सहित या रहित ) या उपधारा (३) के खंड (क) (a) से खंड (ङ) (e) में यथानिर्दिष्ट किसी समुचित उपस्कर या अन्य इलैक्ट्रानिक साधन के माध्यम से हो ।

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