भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ६० :
अवस्थाएँ जिनमें दस्तावेजों के संबंध में द्वितियक साक्ष्य दिया जा सकेगा :
किसी दस्तावेज के अस्तित्व, दशा या अन्तर्वस्तु का द्वितीयक साक्ष्य निम्नलिखित अवस्थाओं में दिया जा सकेगा, अर्थात् :-
(a) क) जबकि यह दर्शित कर दिया जाए या प्रतीत होता हो कि मूल ऐसे व्यक्ति के कब्जे में शक्त्यधीन है –
एक) जिसके विरुद्ध उस दस्तावेज को साबित किया जाना ईप्सित (चाहा गया) है, अथवा
दो) जो न्यायालय की आदेशिका की पहुंच के बाहर है, या ऐसी आदेशिका के अध्यधीन नहीं है, अथवा
तीन) जो उसे पेश करने के लिए वैध रुप से आबद्ध है,
और जबकि ऐसा व्यक्ति धारा ७० में वर्णित सूचना के पश्चात उसे पेश नहीं करता है;
(b) ख) जबकि मूल के अस्तित्व, दशा या अंतर्वस्तु को उस व्यक्ति द्वारा, जिसके विरुद्ध उसे साबित किया जाना है या उसके हित प्रतिनिधि द्वारा लिखित रुप में स्वीकृत किया जाना साबित कर दिया गया है;
(c) ग) जबकि मूल नष्ट हो गया, या खो गया है, अथवा जबकि उसकी अंतर्वस्तु का साक्ष्य देने की प्रस्थापना करने वाला पक्षकार अपने स्वयं के व्यतिक्रम या उपेक्षा से अनुभुत (से उत्पन्न नहीं ) अन्य किसी कारण से उसे युक्तियुक्त समय में पेश नहीं कर सकता;
(d) घ) जबकि मूल इस प्रकृति का है कि उसे आसानी से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता;
(e) ङ) जबकि मूल धारा ७४ के अर्थ के अंतर्गत एक लोक-दस्तावेज है,
(f) च) जबकि मूल ऐसी दस्तवेज है जिसकी प्रमाणित प्रति का साक्ष्य में दिया जाना इस अधिनियम द्वारा या १.(भारत) में प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा अनुज्ञात है;
(g) छ) जबकि मूल ऐसे अनेक लेखाओं या अन्य दस्तावेजों से गठित है, जिनकी न्यायालय में सुविधापूर्वक परीक्षा नहीं कि जा सकती और वह तथ्य जिसे साबित किया जाना है, संपूर्ण संग्रह का साधारण परिणाम है।
स्पष्टीकरण :
एक) (a)(क), (c)(ग) और (d)(घ) खंड के प्रयोजनो के लिए दस्तावजों की अंतर्वस्तु का कोई भी द्वितीयक साक्ष्य ग्राह्य है ।
दो) खंड (b)(ख) के प्रयोजन के लिए वह लिखित स्वीकृति ग्राह्य है ।
तीन) खंड (e)(ङ) या (f)(च) के प्रयोजनों के लिए दस्तावेज की प्रमाणित प्रति ग्राह्य है, किन्तु अन्य किसी भी प्रकार का द्वितीयक साक्ष्य ग्राह्य नहीं है ।
चार) खंड (g)(छ) के प्रयोजनों के लिए दस्तावेजों के साधारण परिणाम साक्ष्य ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा दिया जा सकेगा, जिसने उनकी परिक्षा की है और जो ऐसी दस्तावेजों की परीक्षा करने में कुशल है ।