Bsa धारा ३३ : जबकि कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली (क्रमबद्धत) का भाग हो, तब क्या साक्ष्य दिया जाए :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
किसी कथन में से कितना साबित किया जाए :
धारा ३३ :
जबकि कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली (क्रमबद्धत) का भाग हो, तब क्या साक्ष्य दिया जाए :
जबकि कोई कथन, जिसका साक्ष्य दिया जाता है, किसी बृहत्तर (दीर्घतर) कथन का या किसी बातचीत का भाग है या किसी एकल दस्तावेज का भाग है या किसी एकल दस्तावेज का भाग है या किसी ऐसी दस्तावेज में अंतर्विष्ट है, जो किसी पुस्तक का अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की संसक्त आवली (क्रमबद्धता) का भाग है या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के भाग में अंतर्विष्ट है, तब उस कथन, बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली (क्रमबद्धता) के उतने का ही, न कि उतने से अधिक का साक्ष्य दिया जाएगा, जितना न्यायालय उस कथन की प्रकृति और प्रभाव को तथा उन परिस्थितियों को, जिनके अधीन वह किया गया था, पूर्णत: समझने के लिए उस विशिष्ट मामले में आवश्यक विचार करता है ।

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