भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
उन व्यक्तियों के कथन, जिन्हें साक्षी के रुप में बुलाया नहीं जात सकता :
धारा २६ :
वे दशाएँ जिनमें उस व्यक्ति द्वारा सुसंगत तथ्य का किया गया कथन सुसंगत है, जो मर गया है या मिल नहीं सकता, इत्यादि :
सुसंगत तथ्यों के लिखित या मौखिक कथन, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा किए गए थे, जो मर गया है या मिल नहीं सकता है या जो साक्ष्य देने के लिए असमर्थ हो गया है या जिसकी हाजिरी इतने विलम्ब या व्यय के बिना उपाप्त नहीं की जा सकती, जितना मामले की परिस्थितियों में न्यायालय को अुयुक्तियुक्त (अनुचित) प्रतीत होता है, निम्नलिखित दशाओं में स्वयंमेव सुसंगत है :-
(a) क) जबकि वह कथन किसी व्यक्ति द्वारा अपनी मृत्यु के कारण के बारे में या उस संव्यवहार की किसी परिस्थिति के बारे में किया गया है, जिसके फल स्वरुप उसकी मृत्यु हुई, तब उन मामलों में, जिनमें उस व्यक्ति की मृत्यु का कारण प्रश्नगत हो । ऐसे कथन सुसंगत है चाहे वह उस व्यक्ति को, जिसने उन्हें किया है, उस समय जब वे किए गए थे, मृत्यु की प्रत्याशंका (दुखदायी घटना के घटित होने की आशंका) थी या नहीं और चाहे उस कार्यवाही को, जिसमें उस व्यक्ति की मृत्यु का कारण प्रश्नगत होता है, प्रकृति कैसी ही क्यों न हो ।
(b) ख) जबकि वह कथन ऐसे व्यक्ति द्वारा कारबार के मामूली अनुक्रम में किया गया था तथा विशेषत: जबकि वह, उसके द्वारा कारबार के मामूली अनुक्रम में या वृत्तिक कर्तव्य के निर्वहन में रखी जाने वाली पुस्तकों में उसके द्वारा की गई किसी प्रविष्टि या किए गए ज्ञापन के रुप में है, अथवा उसके द्वारा धन, माल, प्रतिभूतियों या किसी भी किस्म की संपत्ति की प्राप्ति की लिखित या हस्ताक्षरित अभिस्वीकृति है, अथवा वाणिज्य में उपयोग में आने वाली उसके द्वारा लिखित या हस्ताक्षरित किसी दस्तावेज के रुप में है अथवा किसी पत्र या अन्य दस्तावेज की तारीख के रुप में है, जो कि उसके द्वारा प्राय: दिनांकित, लिखित हस्ताक्षरित की जाती थी ।
(c) ग) पजबकि वह कथन उसे करने वाले व्यक्ति के धन संबंधी या साम्पत्तिक हित के विरुद्ध है या जबकि, यदि वह सत्य हो, तो उसके कारण उस पर दाण्डिक अभियोजन या नुकसानी का वाद लया जा सकता है या लाया जा सकता था ।
(d) घ) जबकि उस कथन में उपर्युक्त व्यक्ति की राय किसी ऐसे लोक अधिकार या रुढि अथवा लोक या साधारण हित के विषय के अस्तित्व के बारे में है, जिसके अस्तित्व से, यदि वह अस्तित्व में होता तो उससे उस व्यक्ति का अवगत होना संभाव्य होता और जब कि ऐसा कथन ऐसे किसी अधिकार, रुढि या बात के बारे में किसी संविवाद के उत्पन्न होने से पहले किया गया था ।
(e) ङ) जबकि वह कथन किन्हीं ऐसे व्यक्तियों के बीच रक्त, विवाह या दत्तकग्रहण पर आधारित किसी नातेदारी के अस्तित्व के संबंध में है, जिन व्यक्तियों की रक्त, विवाह या दत्तकग्रहण पर आधारित नातेदारी के बारे में उस व्यक्ति के पास, जिसने वह कथन किया है, ज्ञान के विशेष साधन थे और जबकि वह कथन विवादग्रस्त प्रश्न के उठाए जाने से पूर्व किया गया था ।
(f) च) जबकि वह कथन मृत व्यक्तियों के बीच रक्त, विवाह या दत्तकग्रहण पर आधारित किसी नातेदारी के अस्तित्व के संबंध में है और उस कुटुम्ब की बातों से जिसका ऐसा मृत व्यक्ति अंग था, सम्बन्धित किसी विल या विलेख में या किसी कुटुम्ब वंशावली में या किसी समाधिप्रस्तर, कुटुम्ब-चित्र या अन्य चिजों पर जिन पर ऐसे कथन प्राय: किए जाते है, किया गया है, और जबकि ऐसा कथन विवादग्रस्त प्रश्न के उठाए जाने से पूर्व किया गया था ।
(g) छ) जबकि वह कथन किसी ऐसे विलेख, विल या अन्य दस्तावेज में अंतर्विष्ट है, जो किसी ऐसे संव्यवहार से संबंधित है जैसा धारा ११, खण्ड (क) में वर्णित है ।
(h) ज) जबकि वह कथन कई व्यक्तियों द्वारा किया गया था और प्रश्नगत बात से सुसंगत उनकी भावनाओं या धारणाओं को अभिव्यक्त करता है ।
दृष्टांत :
(a) क) प्रश्न यह है कि क्या (ऐ) की हत्या (बी) द्वारा की गई थी, अथवा (ऐ) की मृत्यु किसी संव्यवहार में हुई क्षतियों से हुई है, जिसके अनुक्रम में उससे बलात्संग किया गया था । प्रश्न यह है कि क्या उससे बी द्वारा बलात्संग किया गया था, अथवा प्रश्न यह कि क्या (ऐ), (बी) द्वारा ऐसी परिस्थितियों में मारा गया था कि (ऐ) की विधवा द्वारा (बी) पर वाद लाया जा सकता है । अपनी मृत्यु के कारण के बारे में (ऐ) द्वारा किए गए वे कथन जो उसने क्रमश: विचाराधीन हत्या, बलात्संग और अनुयोज्य दोष को निर्देशित करते हुए किए है, सुसंगत तथ्य है ।
(b) ख) प्रश्न (ऐ) के जन्म की तारीख के बारे में है । एक मृत शल्य-चिकित्सक की अपने कारबार के मामूली अनुक्रम में नियमित रुप में रखी जाने वाली डायरी में इस कथन की प्रविष्टि कि अमुक दिन उसने ऐ की माता की परिचर्या (देखभाल करना) की और उसे पुत्र का प्रसव कराया सुसंगत तथ्या है ।
(c) ग) प्रश्न यह है कि क्या (ऐ) अमुक दिन नागपुर में था । कारबार के मामूली अनुक्रम में नियमित रुप से रखी गई मृत सोलिसिटर की डायरी में यह कथन कि अमुक दिन वह सोलिसिटर नागपुर में एक वर्णित स्थान पर विनिर्दिष्ट कारबार के बारे में विचार-विमर्श करने के प्रयोजनार्थ (ऐ) के पास रहा, सुसंगत तथ्य है ।
(d) घ) प्रश्न यह है कि क्या कोई पोत मुम्बई बंदरगाहर से अमुक दिन रवाना हुआ । किसी वाणिज्यिक फर्म के , जिसके द्वारा वह पोत भाडे पर लिया गया था, मृत भागीदार द्वारा लंदन स्थित अपने सम्पर्कियों को जिन्हें वह स्थोरा (परीवहन के लिए पोत से प्रेषित माल) परेषित किया गया था, यह कथन करने वाला पत्र कि पोत मुम्बई बंदरगाह से अमुक दिन चल दिया, सुसंगत तथ्य है ।
(e) ङ) प्रश्न यह है कि क्या (ऐ) को अमुक भूमि का भाटक (भाडा / किराया) दिया गया था । (ऐ) के मृत अभिकर्ता का (ऐ) के नाम पत्र जिसमें यह कथन है कि उसने ऐ के निमित्त भाटक प्राप्त किया है और वह उसे (ऐ) के आदेशाधीन रखे हुए है, सुसंगत तथ्य है ।
(f) च) प्रश्न यह है कि क्या (ऐ) और (बी) का विवाह वैध रुप से हुआ था । एक मृत पादरी का यह कथन कि उसने उनका विवाह ऐसी परिस्थितियों में कराया था, जिनमें उसका कराना अपराध होता है, सुसंगत है ।
(g) छ) प्रश्न यह है कि क्या एक व्यक्ति (ऐ) ने, जो मिल नहीं सकता अमुक दिन एक पत्र लिखा था । यह तथ्य कि उसके द्वारा लिखित एक पत्र पर उस दिन की तारीख दिनांकित है, सुसंगत है ।
(h) ज) प्रश्न यह है कि किसी पोत के ध्वंस का कारण क्या है । कप्तान द्वारा, जिसकी हाजिरी उपाप्त (सावधानी द्वारा प्राप्त) नहीं की जा सकती, दिया गया प्रसाक्ष्य (अनुप्रमाणित एवं पोत के स्वामी द्वारा की गई लिखित घोषणा ।) सुसंगत तथ्य है ।
(i) झ) अमुक मार्ग हा सार्वजनिक रस्ता आहे किंवा काय हा प्रश्न आहे. तो मार्ग सार्वजनिक आहे असे (ऐ) या गावातील मृत प्रमुखाने केलेले कथन हे संबद्ध तथ्य आहे.
(j) ञ)प्रश्न यह है कि विशिष्ट बाजार में अमुक दिन अनाज की क्या कीमत थी । एक मृत व्यवसायी द्वारा अपने कारबार के मामूली अनुक्रम में किया गया कीमत का कथन सुसंगत तथ्य है ।
(k) ट) प्रश्न यह है कि क्या (ऐ), जो मर चुका है, (बी) का पिता था । (ऐ) द्वारा किया गया यह कथन कि (बी) उसका पुत्र है, सुसंगत तथ्य है ।
(l) ठ) प्रश्न यह है कि (ऐ) के जन्म की तारीख क्या है । (ऐ) के मृत पिता द्वारा किसी मित्र को लिखा हुआ पत्र, जिसमें यह बताया गया है कि (ऐ) का जन्म अमुक दिन हुआ, सुसंगत तथ्य है ।
(m) ड) प्रश्न यह है कि क्या और कब (ऐ) और (बी) का विवाह हुआ था । (बी) के मृत पिता (सी) द्वारा याददाश्त-पुस्तक में अपनी पुत्री का (ऐ) के साथ अमुख तारीख को विवाह होने की प्रविष्टि सुसंगत तथ्य है ।
(n) ढ) दुकान की खिडकी में अभिदर्शित उपहासांकन में अभिव्यक्त अपमान-लेख के लिए (बी) पर ऐ वाद लाता है । प्रश्न उपहासांकन की समरुपता तथा उसके अपमान लेखीय प्रकृति के बारे में है । इन बातों पर दर्शकों की भीड की टिप्पणियाँ साबित की जा सकेंगी ।