भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा २४ :
साबित संस्वीकृति को, जो उसे करने वाले व्यक्ति तथा एक ही अपराध के लिए संयुक्त रुप से विचरित अन्य को प्रभावित करती है विचार में लेना :
जबकि एक से अधिक व्यक्ति एक ही अपराध के लिए संयुक्त रुप से विचारित है, तथा ऐसे व्यक्तियों में से किसी एक के द्वारा, अपने को और ऐसे व्यक्तियों में से किसी अन्य को प्रभावित करने वाली की गई संस्वीकृति को साबित किया जाता है, तब न्यायालय ऐसी संस्वीकृति को ऐसे अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध तथा ऐसी संस्वीकृति करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध विचार में ले सकेगा ।
स्षष्टीकरण १ :
इस धारा में प्रयुक्त अपराध शब्द के अन्तर्गत उस अपराध का दुष्प्रेरण (प्रोत्साहित करना ) या उसे करने का प्रयत्न आता है ।
स्पष्टीकरण २ :
कोई विचारण, किसी अभियुक्त की अनुपस्थिति में किया जाता है, जो भगौडा है या जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ की धारा ८२ के अधीन जारी उद्घोषणा का अनुपालन करने में असफल रहता है, को इस धारा के प्रयोजन के लिए संयुक्त विचारण समझा जाएगा।
दृष्टांत :
(a) क) (ऐ) और (बी) को (सी) की हत्या के लिए संयुक्त: विचारीत किया जाता है । यह साबित किया जाता है कि (ऐ) ने कहा, (बी) और मैने (सी) की हत्या कि है, (बी) के विरुद्ध इस संस्वीकृति के प्रभाव पर न्यायालय विचार कर सकेगा ।
(b) ख) (सी) की हत्या करने के लिए (ऐ) का विचारण होता है । यह दर्शित करने के लिए साक्ष्य है कि (सी) की हत्या (ऐ) और (बी) द्वारा कि गई थी और यह कि (बी) ने कहा था कि, (ऐ) और मैने (सी) की हत्या की है । न्यायालय इस कथन को (ऐ) से विरुद्ध विचारार्थ नहीं ले सकेगा, क्योंकि (बी) संयुक्तत: विचारित नहीं हो रहा है ।