Bsa धारा १८ : वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १८ :
वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ :
वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनको वाद के किसी पक्षकार ने किसी विवादग्रस्त विषय के बारे में जानकारी के लिए अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट किया है, स्वीकृतियाँ है ।
दृष्टांत :
प्रश्न यह है कि क्या (ऐ) द्वारा (बी) को बेचा हुआ घोडा अच्छा है । (बी) से (ऐ) कहता है कि जाकर (सी) से पूछ लो, (सी) इस बारे में सबकुछ जानता है । (सी) का कथन स्वीकृति है ।

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