भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १७ :
उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के प्रक्षकारां के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए :
वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनकी वाद के किसी पक्षकार के विरुद्ध स्थिति या दायित्व साबित करना आवश्यक है, स्वीकृतियाँ है, यदि ऐसे कथन ऐसे व्यक्तियों द्वारा, या उन पर लाए गए वाद में ऐसी स्थिति या दायित्व के संबंध में ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत होते और यदि वे उस समय किए गए हो जबकि उन्हें करने वाला व्यक्ति ऐसी स्थिति ग्रहण किए हुए है या ऐसे दायित्व के अधीन है ।
दृष्टांत :
(बी) के लिए भाटक (भाडा / किराया ) संग्रह का दायित्व (ऐ) लेता है । (सी) द्वारा (बी) को शोध्य भाटक (भाडा / किराया ) संग्रह न करने के लिए (ऐ) पर (बी) वाद लाता है । (ऐ) इस बात का प्रत्याख्यान (इन्कार /अस्वीकार) करता है कि (सी) से (बी) को भाटक देय था । (सी) द्वारा यह कथन कि उस पर (बी) को भाटक देय है स्वीकृति है, और यदि (ऐ) इस बात से इंकार करता है कि (सी) द्वारा (बी) को भाटक देय था तो वह (ऐ) के विरुद्ध सुसंगत तथ्य है ।