भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १६३ :
धारा १६२ में वर्णित दस्तावेज में कथित तथ्यों के लिए परिसाक्ष्य :
कोई साक्षी किसी ऐसी दस्तावेज में, जैसी धारा १६२ में वर्णित है, वर्णित तथ्यों का भी, चाहे उसे स्वयं उन तथ्यों का विनिर्दिष्ट स्मरण नहीं हो, परिसाक्ष्य दे सकेगा, यदि उसे यकिन है कि वे तथ्य उस दस्तावेज में ठीक-ठीक अभिलिखित थे ।
दृष्टांत :
कोई लेखाकार कारबार में अनुक्रम नियमित रुप से रखी जाने वाली बहियों में उसके द्वारा अभिलिखित तथ्यों का परिसाक्ष्य दे सकेगा, यदि वह जानता है कि बहियाँ ठीक-ठीक रखी गई थी, यद्यपि वह प्रविष्ट किए गए विशिष्ट संव्यवहारों को भूल गया हो ।