भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १५२ :
युक्तियुक्त आधारों के बिना प्रश्न न पूछा जाएगा :
कोई भी ऐसा प्रश्न, जैसा की धारा १५१ में निर्दिष्ट है, नहीं पूछा जाना चाहिए, जब तक कि पूछने वाले व्यक्ति के पास यह सोचने के लिए युक्तियुक्त आधार न हो कि वह लांछन, जिसका उससे प्रवहण (पहुंचना) होता है, सुधारित है ।
दृष्टांत :
(a) क) किसी अधिवक्ता को किसी दूसरी अधिवक्ता द्वारा अनुदेश दिया गया है कि एक महत्वपूर्ण साक्षी डकैत है । उस साक्षी से यह पुछने के लिए कि क्या वह डकैत है, यह युक्तियुक्त आधार है ।
(b) ख)किसी अधिवक्ता को न्यायालय में किसी व्यक्ति द्वारा जानकारी दी जाती है कि एक महत्वपूर्ण साक्षी डकैत है । जानकारी देने वाला अधिवक्ता द्वारा प्रश्न किए जाने पर अपने कथन के लिए समाधान प्रद कारण बताता है । उस साक्षी से यह पुछने के लिए कि क्या वह डकैत है यह युक्तियुक्त (उचित) आधार है ।
(c) ग) किसी साक्षी से, जिसके बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है, यादृच्छिक या अटकलपच्चू (बिना किसी उद्देश्य के या प्रयोजन के ) पूछा जाता है कि क्या वह डकैत है । यहाँ इस प्रश्न के लिए कोई युक्तियुक्त आधार नहीं है ।
(d) घ) कोई साक्षी, जिसके बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है, अपने जीवन के ढंग और जीविका के साधनों के बारे में पूछे जाने पर असमाधानप्रद उत्तर देता है उससे यह पूछने का कि क्या वह डकैत है यह युक्तियुक्त (उचित) आधार हो सकता है ।