भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १४८ :
पूर्वतन लेखबद्ध कथनों के बारे में प्रतिपरिक्षा :
किसी साक्षी की उन पूर्वतन कथनों के बारे में, जो उसने लिखित रुप में किए है या जो लेखबद्ध किए गए है और जो प्रश्नगत बातों से सुसंगत है, ऐसा लेख उसे दिखाए बिना, या ऐसे लेख साबित हुए बिना, प्रतिपरीक्षा की जा सकेगी, किन्तु यदि उस लेख द्वारा उसका खण्डन करने का आशय है तो उस लेख को साबित किए जा सकने पूर्व उसका ध्यान उस लेख के उन भागों की और आकर्षित करना होगा जिनका उपयोग उसका खण्डन करने के प्रयोजन से किया जाना है ।