भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १३७ :
इस आधार पर कि उत्तर उसे अपराध में फंसाएगा, साक्षी उत्तर देने से क्षम्य न होगा :
कोई साक्षी किसी वाद या किसी सिविल या दाण्डिक कार्यवाही में विवाद्यक विषय से सुसंगत किसी विषय के बारे में किए गए किसी प्रश्न का उत्तर देने से इस आधार पर क्षम्य नहीं होगा कि ऐसे प्रश्न का उत्तर ऐसे साक्षी को अपराध में फंसाएगा या उसकी प्रवृत्ति प्रत्यक्षत: या परोक्षत: अपराध में फंसाने की होगी अथवा वह ऐसे साक्षी को किसी किस्म की शास्ति या समपहरण (खो देना) के लिए उच्छन्न (खुला छोडना) करेगा या इसकी प्रवृत्ति प्रत्यक्षत: या परोक्षत: उच्छन्न करने की होगी :
परन्तु ऐसा कोई भी उत्तर, जिसे देने के लिए कोई साक्षी विवश किया जाएगा उसे गिरफ्तारी या अभियोजन के अध्यधीन नहीं करेगा और न ऐसे उत्तर द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने के लिए अभियोजन में के सिवाय वह उसके विरुद्ध किसी दाण्डिक कार्यवाही में साबित किया जाएगा ।