Bsa धारा १२३ : विनिमय-पत्र के प्रतिगृहीता का, उपनिहिती (कोई, जिसको किसी संविदा के तहत न्यास में माल का परिदान किया जाता है ।) का या अनुज्ञप्तिधारी का विबंध (किसी कार्य करने के अधिकार पर रोक या रुकावट जो मनुष्य के स्वयं के कार्य से उत्पन्न हुई हो ) :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १२३ :
विनिमय-पत्र के प्रतिगृहीता का, उपनिहिती (कोई, जिसको किसी संविदा के तहत न्यास में माल का परिदान किया जाता है ।) का या अनुज्ञप्तिधारी का विबंध (किसी कार्य करने के अधिकार पर रोक या रुकावट जो मनुष्य के स्वयं के कार्य से उत्पन्न हुई हो ) :
किसी विनिमय-पत्र के प्रतिगृहीता को इसका प्रत्याख्यान (इन्कार /अस्वीकार) करने की अनुज्ञा न दी जाएगी कि लेखीवाल को ऐसा विनिमय-पत्र लिखने या उसे पृष्ठांकित करने का प्राधिकार था, और न किसी उपनिहिती या अनुज्ञप्तिधारी को इसका प्रत्याख्यान करने दिया जाएगा कि उपनिदाता या अनुज्ञापक को उस समय, जब ऐसा उपनिधान या अनुज्ञप्ति आरंभ हुई, ऐसे उपनिधान करने या अनुज्ञप्ति अनुदान करने का प्राधिकार था ।
स्पष्टीकरण १ :
किसी विनिमय-पत्र का प्रतिगृहिता इसका प्रत्याख्यान कर सकता है कि विनिमय-पत्र वास्तव में उस व्यक्ति द्वारा लिखा गया था जिसके द्वारा लिखा गया वह तात्पर्यित है ।
स्षप्टीकरण २ :
यदि कोई उपनिहिती, उपनिहित माल उपनिधाता से अन्य किसी व्यक्ति को परिदत्त करता है , तो वह साबित कर सकेगा कि ऐसे व्यक्ति का उस पर उपनिधाता के विरुद्ध अधिकार था ।

Leave a Reply