भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १२०:
बलात्संग के लिए कतिपय (कुछ) अभियोजन में सम्मति के न होने के बारे में उपधारणा :
भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ६४ की उपधारा (२) के अधीन बलात्संग के किसी अभियोजन में, जहाँ अभियुक्त द्वारा मैथुन किया जाना साबित हो जाता है और प्रश्न यह है कि क्या वह उस स्त्री की, जिसके बारे में यह अभिकथन किया गया है कि उससे बलात्संग किया गया है, सम्मति के बिना किया गया है और ऐसी स्त्री अपने साक्ष्य में न्यायालय के समक्ष यह कथन करती है कि उसने सम्मति नहीं दी थी, वहाँ न्यायालय यह उपधारणा करेगा कि उसने सम्मति नहीं दी थी ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में मैथुन से भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ६३ में वर्णित कोई कार्य अभिप्रेत होगा ।