भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ११६ :
विवाहित स्थिति के दौरान में जन्म होना धर्भजत्व का निश्चायक सबूत है :
यह तथ्य कि किसी व्यक्ती का जन्म उसकी माता और किसी पुरुष के बीच विधिमान्य विवाह के कायम रहते हुए, या उसका विघटन होने के उपरान्त माता के अविवाहित रहते हुए दो सौ अस्सी दिन के भीतर हुआ था, इस बात का निश्चायक सबूत होगा कि वह उस पुरुष का धर्मज पुत्र-पुत्री है, जब तक कि यह दर्शित न किया जा सके कि विवाह के पक्षकारों की परस्पर पहुँच ऐसे किसी समय नहीं थी जब उसका गर्भाधान किया जा सकता था ।