भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ११४ :
उन संव्यवहारों में सद्भाव का साबित किया जाना जिनमें एक पक्षकार का संबंध सक्रिय विश्वास का है :
जहाँ कि उन पक्षकारों के बीच के संव्यवहार के सद्भाव के बारे में प्रश्न है, जिनमें से एक-दुसरे के प्रति सक्रिय विश्वास की स्थिति में है, वहाँ उस संव्यवहार के सद्भाव को साबित करने का भार उस पक्षकार पर है जो सक्रिय विश्वास की स्थिति में है ।
दृष्टांत :
(a) क) कक्षीकार द्वारा अधिवक्ता के पक्ष में किये गए विक्रय का सद्भाव कक्षीकार द्वारा लाए गए वाद में प्रश्नगत है । संव्यवहार का सद्भाव साबित करने का भार अधिवक्ता पर है ।
(b) ख) पुत्र द्वारा, जो कि हाल ही में प्राप्तवय (वयस्क) हुआ है, पिता को किए गए किसी विक्र का सद्भाव पुत्र द्वारा लाए गए वाद में प्रश्नगत है । संव्यवहार के सद्भाव को साबित करने का भार पिता पर है ।