Bnss धारा ९८ : कुछ प्रकाशनों के समपह्रत (जब्त करना) होने की घोषणा करने और उनके लिए तलाशी वारण्ट जारी करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ९८ :
कुछ प्रकाशनों के समपह्रत (जब्त करना) होने की घोषणा करने और उनके लिए तलाशी वारण्ट जारी करने की शक्ति :
१) जहाँ राज्य सरकार को प्रतीत होता है कि –
(a) क) किसी समाचारपत्र या पुस्तक में; अथवा
(b) ख) किसी दस्तावेज में,
चाहे वह कहीं भी मुद्रित हुई हो, कोई ऐसी बात अन्तर्विष्ट है जिसका प्रकाशन भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा १५२ या धारा १९६ या धारा १९७ या धारा २९४ या धारा २९५ या धारा २९९ के अधीन दण्डनीय है, वहाँ राज्य सरकार ऐसी बात अन्तर्विष्ट करने वाले समाचारपत्र के अंक की प्रत्येक प्रति का और ऐसी पुस्तक या अन्य दस्तावेज की प्रत्येक प्रति का सरकार के पक्ष में समपहरण कर लिए जाने की घोषणा, अपनी राय के आधारों का कथन करते हुए, अधिसूचना द्वारा कर सकती है और तब भारत में, जहाँ भी वह मिले, कोई भी पुलिस अधिकारी को, किसी ऐसे परिसर में, जहाँ ऐसे किसी अंक की कोई प्रति या ऐसी कोई पुस्तक या अन्य दस्तावेज है या उसके होने का उचित संदेह है, प्रवेश करने और उसके लिए तलाशी लेने के लिए वारण्ट द्वारा प्राधिकृत कर सकता है ।
२) इस धारा में और धारा ९९ में :-
(a) क) समाचार पत्र और पुस्तक के वे ही अर्थ होंगे जो प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, १८६७ (१८६७ का २५) में है ;
(b) ख) दस्तावेज के अन्तर्गत रंगचित्र, रेखाचित्र या फोटोचित्र या अन्य दृश्यरुपण भी है ।
३) इस धारा के अधीन पारित किसी आदेश या की गई किसी कार्यवाही को किसी न्यायालय में धारा ९९ के उपबंधों के अनुसार ही प्रश्नगत किया जाएगा अन्यथा नहीं ।

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