भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ७५ :
वारण्ट किसी भी व्यक्ती को निर्दिष्ट हो सकेंगे :
१) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट किसी निकल भागे सिद्धदोष, उद्घोषित अपराधी या किसी ऐसे व्यक्ति की जो किसी अजामनतीय अपराध के लिए अभियुक्त है और गिरफ्तारी से बच रहा है, गिरफ्तारी करने के लिए वारण्ट अपनी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर के किसी भी व्यक्ति को निर्दिष्ट कर सकता है ।
२) ऐसा व्यक्ती वारण्ट की प्राप्ति को लिखित रुप में अभिस्वीकर करेगा और यदि वह व्यक्ती, जिसकी गिरफ्तारी के लिए वह वारण्ट जारी किया गया है, उसके भारसाधन के अधीन किसी भूमि या अन्य संपत्ति में है या प्रवेश करता है तो वह उस वारण्ट का निष्पादन करेगा ।
३) जब वह व्यक्ति, जिसके विरुद्ध ऐसा वारण्ट जारी किया गया है, गिरफ्तार कर लिया जाता है, तब वह वारण्ट सहित निकटतम पुलिस अधिकारी के हवाले कर दिया जाएगा, जो यदि धारा ७१ के अधीन प्रतिभूति (जमानत) नहीं ली गई है तो, उसे उस मामले में अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट के समक्ष भिजवाएगा ।