भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ५२२ :
प्ररुप :
संविधान के अनुच्छेद २२७ द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अधीन रहते हुए, द्वितीय अनुसूची में दिए गए प्ररुप ऐसे परिवर्तनों सहित, जैसे प्रत्येक मामले की परिस्थितियों से अपेक्षित हों, उसमें वर्णित संबद्ध प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाए जा सकते है और यदि उपयोग में लाए जाते है तौ पर्याप्त होंगे ।