भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
अध्याय ३७ :
अनियमित कार्यवाहियाँ :
धारा ५०६ :
वे अनियमिततएँ जो कार्यवाही को दूषित नहीं करती :
यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से किसी को करने के लिए विधि द्वारा सशक्त नहीं है, गलती से सद्भावपूर्वक उस बात को करता है तो उसकी कार्यवाही को केवल इस आधार पर कि वह ऐसे सशक्त नहीं था अपास्त नहीं किया जाएगा, अर्थात –
(a) क) धारा ९७ के अधीन तलाशी-वारण्ट जारी करना;
(b) ख) किसी अपराध का अन्वेषण करने के लिए पुलिस को धारा १७४ के अधीन आदेश देना ;
(c) ग) धारा १९६ के अधीन मृत्यु-समीक्षा करना;
(d) घ) अपनी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर के उस व्यक्ति को, जिसने ऐसी अधिकारिता की सीमाओं के बाहर अपराध किया है, पकडने के लिए धारा २०७ के अधीन आदेशिका जारी करना ;
(e) ङ) किसी अपराध का धारा २१० की उपधारा (१) के खण्ड (a)(क) या खण्ड (b)(ख) के अधीन संज्ञान करना;
(f) च) किसी मामले को धारा २१२ की उपधारा (२) के अधीन हवाले करना;
(g) छ) धारा ३४३ के अधीन क्षमादान करना;
(h) ज) धारा ४५० के अधीन मामले को वापस मंगाना और उसका स्वयं विचारण करना; अथवा
(i) झ) धारा ५०४ या धारा ५०५ के अधीन संपत्ति का विक्रय ।