Bnss धारा ४५० : न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वार मामलों का वापस लिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४५० :
न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वार मामलों का वापस लिया जाना :
१) कोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने अधीनस्थ किसी मजिस्ट्रेट से किसी मामले को वापर ले सकता है या किसी मामले को, जिसे उसने ऐसे मजिस्ट्रेट के हवाले किया है, वापस मंगा सकता है और मामले की जाँच या विचारण स्वयं कर सकता है या उसे जाँच या विचारण के लिए किसी अन्य ऐसे मजिस्ट्रेट को निर्देशित कर सकता है जो उसकी जाँच या विचारण करने के लिए सक्षम है ।
२) कोई न्यायिक मजिस्ट्रेट किसी मामले को, जो उसने धारा १९२ की उपधारा (२) के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले किया है, वापर मंगा सकता है और ऐसे मामले की जाँच या विचारण स्वयं कर सकता है ।

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