भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४४४ :
पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प :
इस संहिता में अभिव्यक्त रुप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, जो न्यायालय अपनी पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग कर रहा है उसके समक्ष स्वयं या वकील द्वारा सुने जाने का अधिकार किसी भी पक्षकार को नहीं है; किन्तु यदि न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसी शक्तियों का प्रयोग करते समय किसी पक्षकार को स्वयं या उसके प्लीडर द्वारा सुन सकेगा ।