भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४२६ :
संक्षेपत: खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया :
१) यदि अपील न्यायालय अपील को संक्षेपत: खारीज नहीं करता है तो वह उस समय और स्थान की, जब और जहाँ ऐसी अपील सुनी जाएगी, सूचना-
एक) अपीलार्थी या उसके प्लीडर को;
दो) ऐसे अधिकारी को, जिसे राज्य सरकार इस निमित्त नियुक्त करे;
तीन) यदि परीवाद पर संस्थित मामले में दोषसिद्धि के निर्णय के विरुद्ध अपील की गई है, तो परिवादी को;
चार) यदि अपील धारा ४१८ या धारा ४१९ के अधीन की गई है तो अभियुक्त को,
दिलवाएगा, और ऐसे अधिकारी, परिवादी है अभियुक्त को अपील के आधारों की प्रतिलिपि भी देगा ।
२) यदि अपील न्यायालय में मामले का अभिलेख, पहले से ही उपलब्ध नहीं है तो वह न्यायालय ऐसा अभिलेख मंगाएगा और पक्षकारों को सुनेगा :
परन्तु यदि अपील केवल दण्ड के परिमाण या उसकी वैधता के बारे में है तो न्यायालय अभिलेख मंगाए बिना ही अपील का निपटारा कर सकता है ।
३) जहाँ दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील का आधारा केवल दण्डादेश की अभिकथित कठोरता है, वहाँ अपीलार्थी न्यायालय की इजाजत के बिना अन्य किसी आधारा के समर्थन में न तो कहेगा और न उसे उसके समर्थन में सुना ही जाएगा ।