Bnss धारा ४१९ : दोषमुक्ति की दशा में अपील :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४१९ :
दोषमुक्ति की दशा में अपील :
१) उपधारा (२) में जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय और उपधारा (३) और उपधारा (५) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए –
(a) क) जिला मजिस्ट्रेट, किसी मामले में, लोक अभियोजक को किसी संज्ञेय और अजमानतीय अपराध की बाबत किसी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित दोषमुक्ति के आदेश से सेशन न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकेगा;
(b) ख) राज्य सरकार, किसी मामलें में लोक अभियोजक को उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय द्वारा पारित दोषमुक्ति के मूल या अपीली आदेश से (जो खण्ड (a)(क) के अधीन आदेश नहीं है) या पुनरिक्षण में सेशन न्यायालय द्वारा पारित दोषमुक्ति के आदेश से उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकगी ।
२) यदि ऐसा दोषमुक्ति का आदेश किसी ऐसे मामले में पारित किया जाता है जिसमें अपराध का अन्वेषण इस संहिता से भिन्न किसी केन्द्रीय अधिनियम के अधीन अपराध का अन्वेषण करने के लिए सशक्त किसी अन्य अभिरकण द्वारा किया गया है तो केन्द्रीय सरकार उपधारा (३) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, लोक अभियोजक को –
(a) क) दोषमुक्ति के ऐसे आदेश से, जो संज्ञेय और अजमानतीय अपराध की बाबत किसी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किया गया है, सेशन न्यायालय में;
(b) ख) दोषमुक्ति के ऐसे मूल या अपीली आदेश से जो किसी उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय की इजाजत पारित किया गया है जो खण्ड (a)(क) के अधीन आदेश नहीं है या दोषमुक्ति के ऐसे आदेश से जो पुनरिक्षण में सेशन न्यायालय द्वारा पारित किया गया है, उच्च न्यायालय में,
अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकती है।
३) उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन उच्च न्यायालय को कोई अपील उच्च न्यायालय की इजाजत के बिना ग्रहण नहीं की जाएगी ।
४) यदि दोषमुक्ति का ऐसा आदेश परिवाद पर संस्थित किसी मामले में पारित किया गया है और उच्च न्यायालय, परिवादी द्वारा उससे इस निमित्त ओवदन किए जाने पर, दोषमुक्ति के आदेश की अपील करने की विशेष इजाजत देता है तो परिवादी ऐसी अपील उच्च न्यायालय में उपस्थित कर सकता है ।
५) दोषमुक्ति के आदेश से अपील करने की विशेष इजाजत दिए जाने के लिए उपधारा (४) के अधीन कोई आवेदन उच्च न्यायालय द्वारा, उस दशा में जिसमें परिवादी लोक-सेवक है उस दोषमुक्ति के आदेश की तारीख से संगणित, छह मास की समाप्ति के पश्चात् और प्रत्येक अन्य दशा में ऐसे संगणित साठ दिन की समाप्ति के पश्चात् ग्रहण नहीं किया जाएगा ।
६) यदि किसी मामले में दोषमुक्ति के आदेश से अपील करने की विशेष इजाजत दिए जाने के लिए उपधारा (४) के अधीन कोई आवेदन नामंजूर किया जाता है तो उस दोषमुक्ति के आदेश से उपधारा (१) के अधीन या उपधारा (२) के अधीन कोई अपील नहीं होगाी ।

Leave a Reply