भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४१५ :
दोषसिद्धि से अपील :
१) कोई व्यक्ति जो उच्च न्यायालय द्वारा असाधारण, आरंभिक दांडिक अधिकारिता के प्रयोग में किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है ।
२) कोई व्यक्ति जो सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश द्वारा किए गए विचारण में या किसी अन्य न्यायालय द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, जिसमें सात वर्ष से अधिक के कारावास का दण्डादेश उसके विरुद्ध या उसी विचारण में दोषसिद्ध किए गए किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध दिया गया है उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है ।
३) उपधारा (२) में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय,कोई व्यक्ती –
(a) क) जो प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, अथवा
(b) ख) जो धारा ३६४ के अधीन दण्डादिष्ट किया गया है,अथवा
(c) ग) जिसके बारे में किसी मजिस्ट्रेट द्वारा धारा ४०१ के अधीन आदेश दिया गया है या दण्डादेश पारित किया गया है,
सेशन न्यायालय में अपील कर सकता है ।
४) जब अपील भारतीय न्याय संहिता २०२३ के धारा ६४, धारा ६५, धारा ६६, धारा ६७, धारा ६८, धारा ७० या धारा ७१ के अधीन पारीत दण्डादेश के विरद्ध की गई है, तब वह अपील, एसे अपील दाखिल करने तारीख से छह महिने के भीतर निपाटाई जाएगी ।