भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४०३ :
न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना :
इस संहिता या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय कोई न्यायालय जब उसने किसी मामले को निपटाने के लिए अपने निर्णय या अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए है तब लिपिकिय या गणितीय भूल को ठीक करने के सिवाय उसेमें कोई परिवर्तन नहीं करेगा या उसका पुनर्विलोकन नहीं करेगा ।