Bnss धारा ४०० : असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४०० :
असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश :
१) जब कभी किसी असंज्ञेय अपराध का कोई परिवाद न्यायालय में किया जाता है तब, यदि न्यायालय अभियुक्त को दोषसिद्ध कर देता है ता, वह अभियुक्त पर अधिरोपित शास्ति के अतिरिक्त उसे यह आदेश दे सकता है कि वह परिवादी को अभियोजन में उसके द्वारा किए गए खर्चे, पूर्णत: या अंशत: दे और यह अतिरिक्त आदेश दे सकता है कि उसे देने में व्यतिक्रम करने पर अभियुक्त तीस दिन से अनधिक की अवधि के लिए सादा कारावास भोगेगा और ऐसे खर्चों के अन्तर्गत आदेशिका फिस, साक्षियों और वकीलों की फीस की बाबत किए गए कोई व्यय भी हो सकेंगे जिन्हें न्यायालय उचित समझे ।
२) इस धारा के अधीन आदेश किसी अपील न्यायालय द्वारा, या उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय द्वारा भी किया जा सकेगा जब वह अपनी पुनरीक्षण शक्तियों का प्रयोग कर रहा हो ।

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