भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३९ :
नाम और निवास बताने से इन्कार करने पर गिरफ्तारी :
१) जब कोई व्यक्ति जिसने पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध किया है या जिस पर पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध करने का अभियोग (आरोप) लगाया गया है, उस अधिकारी की मांग पर अपना नाम और निवास बताने से इन्कार करता है या ऐसा नाम या निवास बताता है, जिसके बारें में उस अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है कि वह मिथ्या (झुठा) है, तब वह ऐसे अधिकारी द्वारा इसलिए गिरफ्तार किया जा सकता है कि उसका नाम और निवास अभिनिश्चित किया जा सके ।
२) जब ऐसे व्यक्ति का सही नाम और निवास अभिनिश्चित कर लिया जाता है तब वह इस बंधपत्र या जमानतपत्र पर छोड दिया जाएगा कि यदि उससे न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होने की अपेक्षा की गई तो वह उसके समक्ष हाजिर होगा :
परन्तु यदि ऐसा व्यक्ति भारत में निवासी नहीं है तो वह जमानतपत्र भारत में निवासी प्रतिभू या प्रतिभुओं (जमानतदार) द्वारा प्रतिभूत (जामीन) किया जाएगा ।
३) यदि गिरफ्तारी के समय से चौबीस घण्टों के अन्दर ऐसे व्यक्ति का सही नाम और निवास अभिनिश्चित नहीं किया जा सकता है या वह बन्धपत्र या जमानतपत्र निष्पादित करने में या अपेक्षित किए जाने पर पर्याप्त प्रतिभू (जमानतदार) देने में असफल रहता है तो वह अधिकारिता रखने वाले निकटतम मजिस्ट्रेट के पास तत्काल भेज दिया जाएगा ।