भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३७१ :
मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष अभियुक्त के हाजिर होने पर प्रक्रिया :
१) जब अभियुक्त, यथास्थिति, मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष हजिर होता है या पुन:लाया जाता है, तब यदि मजिस्ट्रेट या न्यायालय का यह विचार है कि वह अपनी प्रतिरक्षा करने में समर्थ है तो, जाँच या विचारण आगे चलेगा ।
२) यदि मजिस्ट्रेट या न्यायालय का विचार है कि अभियुक्त अभी अपनी प्रतिरक्षा करने में असमर्थ है तो मजिस्ट्रेट या न्यायालय, यथास्थिति धारा ३६७ या धारा ३६८ के उपबंधों के अनुसार कार्यवाही कारेगा और यदि अभियुक्त चित्त-विकृति से ग्रस्त और परिणामस्वरुप अपनी प्रतिरक्षा करने में असमर्थ पाया जाता है तो ऐसे अभियुक्त के बारे में वह धारा ३६९ के उपबंधों के अनुसार कार्यवाही करेगा ।