भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३२९ :
कतिपय सरकारी वैज्ञानिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट :
१) कोई दस्तावेज, जो किसी सरकारी वैज्ञानिक विशेषज्ञ की, जिसे यह धारा लागू होती है, इस संहिता के अधीन किसी कार्यवाही के दौरान परीक्षा या विश्लेषण और रिपोर्ट के लिए सम्यक् रुप से उसे भेजी गई किसी सामग्री या चीज के बारे में स्वहस्ताक्षरित रिपोर्ट होनी तात्पर्यित है, इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही में साक्ष्य के तौर पर उपयोग में लाई जा सकेगी ।
२) यदि न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसे विशेषज्ञ को समन कर सकता है और उसकी रिपोर्ट की विषयवस्तु के बारे में उसकी परीक्षा कर सकेगा ।
३) जहाँ ऐसे किसी विशेषज्ञ को न्यायालय द्वारा समन किया जाता है और वह स्वयं हाजिर होने में असमर्थ है वहाँ, उस दशा के सिवाय जिससे न्यायालय ने उसे स्वयं हजिर होने के लिए स्पष्ट रुप से निदेश दिया है, वह अपने साथ काम करने वाले किसी जिम्मेदार अधिकारी को न्यायालय में हाजिर होने के लिए प्रतिनियुक्त कर सकता है यदि वह अधिकारी मामले के तथ्यों से अवगत है तथा न्यायालय में उसकी और से समाधान प्रद रुप में अभिसाक्ष्य दे सकता है ।
४) यह धारा निम्न लिखित सरकारी विशेषज्ञों को लागू होती है, अर्थात् –
(a) क) सरकार का कोई रासायनिक परीक्षक या सहायक रासायनिक परीक्षक;
(b) ख) मुख्य विस्फोटक नियंत्रक;
(c) ग) अंगुली-छाप कार्यालय निदेशक;
(d) घ) निदेशक, हाफकीन संस्थान, मुम्बई;
(e) ङ) किसी केन्द्रीय न्याय संबंधी विज्ञान प्रयोगशाला या किसी राज्य न्याय संबंधी विज्ञान प्रयोगशाला का निदेशक, उप-निदेशक या सहायक निदेशक;
(f) च) सरकारी सीरम विज्ञानी;
(g) छ) कोइ अन्य सरकारी वैज्ञानिक विशेषज्ञ, जो इस प्रयोजन के लिए केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा, अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किया गया हो ।