भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
(B) ख – साक्षियों की परीक्षा के लिए कमीशन (आयोग / किसी कार्य को करने के लिए या शक्तियों का प्रयोग करने के लिए आदेश या प्राधिकार ) :
धारा ३१९ :
कब साक्षियों को हाजिर होने से अभिमुक्ति दी जाए और कमीशन जारी किया जाए :
१) जब कभी इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही के अनुक्रम में, न्यायालय या मजिस्ट्रेट को प्रतीत होता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह आवश्यक है कि किसी साक्षी की परीक्षा की जाए और ऐसे साक्षी की हाजिरी इतने विलम्ब, व्यय या असुविधा के बिना, जितनी मामले की परिस्थितियों में अनुचित होगी, नहीं कराई जा सकती है तब न्यायालय या मजिस्ट्रेट ऐसी हाजिरी से अभिमुक्ती दे सकता है और साक्षी की परीक्षा की जाने के लिए इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार कमीशन जारी कर सकताहै :
परन्तु जहाँ न्याय के उद्देश्यों के लिए भारत के राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल या किसी संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक की साक्षी के रुप में परिक्षा करना आवश्यक है वहाँ ऐसे साक्षी की परीक्षा करने के लिए कमीशन द्वारा दी जाएगा ।
२) न्यायालय अभियोजन के किसी साक्षी की परीक्षा के लिए कमिशन जारी करते समय यह निदेश दे सकता है कि प्लीडर की फीस सहित ऐसी रकम जो न्यायालय अभियुक्त के व्ययों की पूर्ति के लिए उचित समझे, अभियोजन द्वारा दी जाए ।