भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३१४ :
अभियुक्त या उसके वकिल को साक्ष्य का भाषान्तर सुनाया जाना :
१) जब कभी कोई साक्ष्य ऐसी भाषा में दिया जाए जिसे अभियुक्त नहीं समझता है और वह न्यायालय में स्वयं उपस्थित है तब खुले न्यायालय में उसे उस भाषा में उसका भाषांतर सुनाया जाएगा जिसे वह समझता है ।
२) यदि वह वकिल द्वारा हाजिर हो और साक्ष्य न्यायालय की भाषा से भिन्न और वकिल द्वारा न समझी जाने वाली भाषा में दिया जाता है तो उसका भाषांतर ऐसे वकिल को न्यायालय की भाषा में सुनाया जाएगा ।
३) जब दस्तावेजें यथा रीति सबूत के प्रयोजन के लिए पेश की जाती है तब यह न्यायालय के स्वविवेक पर निर्भर करेगा कि वह उनमें से उतने का भाषांतर सुनाए जितना आवश्यक प्रतीत हो ।