भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३१२ :
साक्ष्य के अभिलेख की भाषा :
प्रत्येक मामले में जहाँ साक्ष्य धारा ३१० या धारा ३११ के अधीन लिखा जाता है वहाँ –
(a) क) यदि साक्षी न्यायालय की भाषा में साक्ष्य देता है तो उसी भाषा में लिखा जाएगा ;
(b) ख) यदि वह किसी अन्य भाषा में साक्ष्य देता है तो उसे, यदि साध्य हो तो, उसी भाषा में लिखा जा सकेगा और यदि ऐसा करना साध्य न हो तो जैसे-जैसे साक्षी की परीक्षा होती जाती है, वैसे-वैसे साक्ष्य का न्यायालय की भाषा में सही अनुवाद तैयार किया जाएगा, उस पर मजिस्ट्रेट या पीठासीन न्यायाधीश द्वारा हस्ताक्षर किए जाएँगे और वह अभिलेख का भाग होगा;
(c) ग) उस दशा में जिसमें साक्ष्य खण्ड (b) (ख) के अधीन न्यायालय की भाषा से भिन्न किसी भाषा में लिखा जाए, न्यायालय की भाषा में उसका सही अनुवाद यथासाध्य शीघ्र तैयार किय जाएगा, उस पर मजिस्ट्रेट या पीठासीन न्यायाधीश हस्ताक्षर करेगा और वह अभिलेख का भाग होगा :
परन्तु जब खण्ड (b) (ख) के अधीन साक्ष्य अंग्रेजी में लिखा जाता है और न्यायालय की भाषा में उसके अनुवाद की किसी पक्षकार द्वारा अपेक्षा नहीं की जाती है तो न्यायालय ऐसे अनुवाद से अभिमुक्ति दे सकता है ।