भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३०९ :
समन मामलों और जांचो में अभिलेख :
१) मजिस्ट्रेट के समक्ष विचारित सब समन-मामलों में, धारा १६४ से धारा १६७ तक की धाराओं के अधीन (जिनके अन्तर्गत ये दोनों धाराएँ भी है) सब जांचो में, और विचारण के अनुक्रम की कार्यवाहियों से भिन्न धारा ४९३ के अधीन सब कार्यवाहियों में, मजिस्ट्रेट जैसे-जैसे प्रत्येक साक्षी की परीक्षा होती जाती है, वैसे-वैसे उसके साक्ष्य के सारांश का ज्ञापन न्यायालय की भाषा में तैयार करेगा :
परन्तु यदि मजिस्ट्रेट ऐसा ज्ञापन स्वयं तैयार करने में असमर्थ है तो अपनी असमर्थता के कारणों को अभिलिखित करने के पश्चात् ऐसे ज्ञापन को खुले न्यायालय में स्वयं बोलकर लिखित रुप में तैयार कराएगा ।
२) ऐसे ज्ञापन पर मजिस्ट्रेट हस्ताक्षर करेगा और वह अभिलेख का भाग होगा ।