भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३०५ :
बंदी (कैदी) का न्यायालय में अभिरक्षा में लाया जाना :
धारा ३०४ के उपबंधो के अधीन रहते हुए, कारागार का भारसाधक अधिकारी, धारा ३०२ की उपधारा (१) के अधीन दिए गए और जहाँ आवश्यक है, वहाँ उसकी उपधारा (२) के अधीन सम्यक् रुप से प्रतिहस्ताक्षरित आदेश के परिदान पर, आदेश में नामित व्यक्ति को ऐसे न्यायालय में, जिसमें उनकी हाजिरी अपेक्षित है, भिजवाएगा जिससे वह आदेश में उल्लिखित समय पर वहाँ उपस्थित हो सके, और उसे न्यायालय में या उसके पास अभिरक्षा में तब तक रखवाएगा जब तक उसकी परीक्षा न कर ली जाए या जब तक न्यायालय उसे उस कारागार को, जिसमें वह परिरुद्ध या निरुद्ध था, वापस ले जाए जाने के लिए प्राधिकृत न करे ।