भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २७५ :
दोषी हाने के अभिवाक् पर दोषसिद्ध :
यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करता है तो मजिस्ट्रेट अभियुक्त का अभिवाक् यथासंभव उन्हीं शब्दों में लेखबद्ध करेगा जिनका अभियुक्त ने प्रयोग किया है और उसके आधार पर उसे, स्वविवेका नुसार , दोषसिद्ध कर सकेगा ।