भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
अध्याय २१ :
मजिस्ट्रेट द्वारा समन-मामलों का विचारण :
धारा २७४ :
अभियोग का सारांश बताया जाना :
जब समन मामलों में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, तब उसे उस अपराध की विशिष्टियाँ बताई जाएगी जिसका उस पर अभियोग है, और उससे पूछा जाएगा कि क्या वह दोषी होने का अभिवाक् करना चाहता है किन्तु यथा रीति आरोप विरचित करना आवश्यक न होगा :
परंतु मजिस्ट्रेट अभियोग को, आधारहीन समझता है, तो वह ऐसे कारणों से जो अभिलिखित किए जाएं, अभियुक्त को, निर्मुक्त करेगा और ऐसी निर्मुक्ति का प्रभाव उन्मोचन होगा ।