भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २६५ :
अभियोजन (मुकदमा / कारवाई ) के लिए साक्ष्य :
१) यदि अभियुक्त अभिवचन करने से संकार करता है या अभिवचन नहीं करता है या विचारण किए जाने का दावा करता है या मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा २६४ के अधीन दोषसिद्ध नहीं करता है तो वह मजिस्ट्रेट साक्षियों की परीक्षा के लिए तारीख नियत करेगा :
परन्तु यह कि पुलिस द्वारा अन्वेषण के दौरान अभिलिखित साक्षियों के कथनों को, मजिस्ट्रेट अभियुक्त को अग्रिम में प्रदान करेगा ।
२) मजिस्ट्रेट अभियोजन के आवेदन पर उसके साक्षियों में से किसी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या अन्य चीज पेश करेन का निदेश देने वाला समन जारी कर सकता है ।
३) ऐसी नियत तारीख पर मजिस्ट्रेट ऐसा सब साक्ष्य लेने के लिए अग्रसर होगा जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाता है :
परन्तु मजिस्ट्रेट किसी साक्षी की प्रतिपरिक्षा तब तक के लिए, जब तक किसी अन्य साक्षी या साक्षियों की परीक्षा नहीं कर ली जाती है, आस्थगित करने की अनुज्ञा दे सकेगा या किसी साक्षी को अतिरिक्त प्रतिपरीक्षा के लिए पुन:बुला सकेगा :
परंतु यह और कि इस धारा के अधीन साक्षी की परीक्षा, राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने वाले अभिहित स्थान पर श्रव्य-दृश्य इलैक्ट्रानिक साधनों से की जा सकेगी ।