भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २५८ :
दोषमुक्ति या दोषसिद्धि का निर्णय :
१) बहस और विधि प्रश्न (यदि कोई हो) सुनन के पश्चात् न्यायाधीश यथाशीघ्र बहस पूर्ण होणे की तारीख से तीस दिवस की अवधि के भीतर मामले में निर्णय देगा, जिसे उन कारणों को लेखबद्ध करते हुए पैंतालीस दिन की अवधि तक बढाया जा सकेगा ।
२) यदि अभियुक्त दोषसिद्ध किया जाता है तो न्यायाधीश, उस दशा के सिवाय जिसमें वह धारा ४०१ के उपबंधो के अनुसार कार्यवाही करता है दण्ड के प्रश्न पर अभियुक्त को सुनेगा और तब विधि के अनुसार उसके बारे में दण्डादेश देगा ।