Bnss धारा २३५ : समय, स्थान और व्यक्ति के बारे में विशिष्टियाँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २३५ :
समय, स्थान और व्यक्ति के बारे में विशिष्टियाँ :
१) अभिकथित अपराध के समय और स्थान के बारे में और जिस व्यक्ति के (यदि कोई हो), विरुद्ध अथवा जिस वस्तु के (यदि कोई हो) विषय में वह अपराध किया गया उस व्यक्ति या वस्तु के बारे में विशिष्टियाँ, जैसी अभियुक्त को उस बात की, जिसका उस पर आरोप है, सूचना देने के लिए उचित रुप से पर्याप्त है, आरोप में अन्तर्विष्ट होगी ।
२) जब अभियुक्त पर आपराधिक न्यासभंग या बेईमानी से धन या अन्य जंगम संपत्ति के दुर्विनियोग का आरोप है तब इतना ही पर्याप्त होगा कि विशिष्ट मदों का जिनके विषय में अपराध किया जाना अभिकथित है, या अपराध करने की ठिक-ठिक तारीखों का विनिर्देश किए बिना, यथास्थिति, उस सकल राशि का विनिर्देश या उस जंगम संपत्ति का वर्णन कर दिया जाता है जिसके विषय में अपराध किया जाना अभिकथित है, और उन तारीखों का, जिनके बीच में अपराध का किया जाना अभिकथित है, विनिर्दिष्ट कर दिया जाता है और ऐसे विरचित आरोप धारा २४२ के अर्थ में एक ही अपराध का आरोप समझा जाएगा :
परन्तु एसी तारीखों में से पहली और अंतिम के बीच का समय एक वर्ष से अधिका का न होगा ।

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