भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २२८ :
मजिस्ट्रेट का अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकना :
१) जब कभी कोई मजिस्ट्रेट समन जारी करता है तब यदि उसे ऐसा करने का कारण प्रतीत होता है तो वह अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी अभिमुक्त कर सकता है और अपने वकिल द्वारा हाजिर होने की अनुज्ञा दे सकता है ।
२) किन्तु मामले की जाँच या विचारण करने वाला मजिस्ट्रेट, स्वविवेकानुसार, कार्यवाही के किसी प्रक्रम में अभियुक्त की वैयक्तिक हाजिरी का निदेश दे सकता है और यदि आवश्यक हो तो उसे इस प्रकार हाजिर होने के लिए इसमें इसके पूर्व उपबंधित रीति से विवश कर सकता है ।