Bnss धारा २२६ : परिवाद का खारिज किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २२६ :
परिवाद का खारिज किया जाना :
यदि परिवादी के और साक्षियों के शपथ पर किए गए कथन पर (यदि कोई हो), और धारा २२५ के अधीन जाँच अन्वेषण (यदि कोई हो) परिणाम पर विचार करने के पश्चात् मजिस्ट्रेट की यह राय है कि कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है तो वह परिवाद को खारिज कर देगा और ऐसे प्रत्येक मामले में वह ऐसा करने के अपने कारणों को संक्षेप में अभिलिखित करेगा ।

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